हर महीने 1.5 करोड़ रिश्‍वत, SC जज के नाम की धौंस… जेल का बेताज बादशाह था ठग सुकेश

नई दिल्‍ली

महाठग सुकेश चंद्रशेखर ने जेल में अपना उल्‍लू सीधा करने के लिए हर तिकड़म आजमाई। दिल्‍ली पुलिस ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के सामने कई राज खोले हैं। पुलिस के अनुसार, सुकेश ने SC जज कुरियन जोसेफ बनकर उसका केस सुन रहीं जज को फोन मिलाया। उनसे कहा कि मामले में आरोपी को जमानत दें। जेल में बंद रहते हुए खास सुविधाओं के लिए सुकेश ने करोड़ों रुपये बतौर रिश्‍वत दिए। वह जेल के भीतर से केंद्र सरकार के शीर्ष अधिकारियों का नाम लेकर उगाही का पूरा रैकेट चला रहा था। सुकेश का एक्‍सटॉर्शन रैकेट बिना किसी परेशानी के चलता रहे, इसके लिए वह जेल अधिकारियों को हर महीने करीब डेढ़ करोड़ रुपये रिश्‍वत देता था। जस्टिस एआर रोहतगी और जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच के सामने आर्थिक अपराधा शाखा (EOW) के डीसीपी अन्‍येश रॉय ने हलफनामा दायर कर ये सब दावे किए हैं। एफिडेविट में पुलिस ने किसे, कितनी रिश्‍वत दी गई, इसका ब्‍योरा भी पेश किया है।

SC जज, होम सेक्रेटरी, लॉ सेक्रेटरी… सुकेश के कितने रूप!
सुकेश जरूरत पड़ने पर प्रभावशाली शख्सियत की पहचान का इस्‍तेमाल करता था। एफिडेविट में पुलिस ने कहा है कि सुकेश की जमानत याचिका पर स्‍पेशल जज पूनम चौधरी को सुनवाई करनी थी। 28 अप्रैल, 2017 को जज के लैंडलाइन पर एक फोन आया। कॉल करने वाले ने खुद को सुप्रीम कोर्ट का जज (जस्टिस कुरियन जोसेफ) बताया और स्‍पेशल जज से कहा कि आरोपी को जमानत दे दें। सुकेश ने केंद्रीय गृह सचिव और केंद्रीय विधि सचिव बनकर अदिति सिंह को फोन किए और उनसे 214 करोड़ रुपये वसूले। सुकेश ने अदिति को झांसा दिया कि वह उनके पति शिविंदर सिंह को छुड़वा देगा।

जेल में किसे, कितना पैसा देता था सुकेश?
दिल्‍ली पुलिस ने गिरफ्तार किए जा चुके असिस्‍टेंट जेल सुपरिटेंडेंट धर्म सिंह मीणा के बयान का हवाला देकर रिश्‍वतखोरी की डीटेल्‍स सामने रखी हैं। सुकेश वहां के जेल अधीक्षक को हर महीने 66 लाख रुपये रिश्‍वत देता था। तीन डेप्‍युटी सुपरिटेंडेंट्स में दो को 5-5 लाख रुपये महीना और तीसरे (सुभाष बत्रा) को 6 लाख रुपये देता था। रोहिणी जेल के अधिकारियों को घूस देकर सुकेश बैरक में अपनी पसंद के लोगों की तैनाती कराता था। पुलिस के अनुसार, जुलाई 2020 से अगस्‍त 2021 तक वहां रहने के दौरान सुकेश एक ही मोबाइल का इस्‍तेमाल करता रहा। जेल के पांच असिस्‍टेंट सुपरिटेंडेंट्स को 2-2 लाख रुपये दिए जाते थे। करीब 35 हेड वार्डर्स को प्रति माह 30 हजार रुपये घूस दी जाती थी। सुकेश 60 वार्डर्स में से हर एक को 20,000-20,000 रुपये देता था।

पुलिस के वकील रजत नायर ने सुकेश के उन आरोपों का भी जवाब दिया कि मंडोली जेल में उसके साथ मारपीट हुई और उसकी जांच को खतरा है। सुकेश को 2017 में तिहाड़ जेल में रखा गया था। 2020 में उसे रोहिणी जेल शिफ्ट किया गया, फिर अक्‍टूबर 2021 में फिर से तिहाड़ भेजा गया। इस साल अगस्‍त से वह मंडोली जेल में बंद है। नायर ने कहा कि अपनी मांगें पूरी कराने के लिए सुकेश जेल अधिकारियों पर ऐसे उल्‍टे-सीधे आरोप लगाता रहता है। उन्‍होंने कहा कि आरोपों की जांच में मारपीट का पता नहीं चला, न ही मेडिकल टेस्‍ट्स में यह बात सामने आई।बेंच ने सुकेश की याचिका कि उसे दिल्‍ली से बाहर की किसी जेल में शिफ्ट किया जाए, पर जनवरी के दूसरे हफ्ते तक सुनवाई टाल दी।

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