रियाद
सऊदी अरब में एक ‘फ्यूचरिस्टिक मेगासिटी’ का निर्माण किया जा रहा है। यह शहर किसी अजूबे से कम नहीं होगा। खाड़ी देश के रेगिस्तान में बसाया जा रहा यह शहर अब आकार लेने लगा है। नई सैटेलाइट तस्वीरें इसकी तस्दीक करती हैं। 982,70,80,00,000 डॉलर के इस शहर में हर वह सुविधा मौजूद होगी जिसका सपना इंसान देख सकता है। लगभग 170 किमी लंबा यह शहर 50 लाख लोगों का घर होगा। शहर को ‘द लाइन’ नाम दिया गया है जो दो लंबी और ऊंची समांतर इमारतों के बीच बसा होगा। आने वाले दिनों में इसे लेकर उत्सुकता और ज्यादा बढ़ सकती है क्योंकि अब शहर का ढांचा जमीन पर दिखाई देने लगा है।
द लाइन की दोनों इमारतें करीब 1,600 फीट ऊंची होंगी और सऊदी रेगिस्तान में एक-दूसरे के समांतर खड़ी होंगी। इसका निर्माण पूरा होने में 50 साल का वक्त लगेगा। इस प्रोजेक्ट को ‘अर्थ स्क्रैपर’ कहा जा रहा है, जिसकी शुरुआत अक्टूबर में हुई थी। पहले भी ड्रोन फुटेज में साइट पर भारी मशीनरी और निर्माण गतिविधियों को देखा गया था। चांग गुआंग सैटेलाइट टेक्नोलॉजी की तस्वीर में द लाइन के लिए रेत में हो रही खुदाई को पीले रंग की पट्टी में देखा जा सकता है।
क्या 2030 तक स्वागत के लिए हो पाएगा तैयार?
तस्वीर में भारी मशीनरी और बड़ी संख्या में मजदूरों को रेड डॉट से दर्शाया गया है। इस शहर के निर्माण में सऊदी का 500 अरब डॉलर का प्राइवेट इन्वेस्टमेंट फंड भी खर्च हो रहा है। यह शहर जॉर्डन और मिस्र की सीमा पर स्थित होगा और 2030 तक निवासियों और व्यवसायों का स्वागत करना शुरू कर देगा। हालांकि बिल्डरों और शहरी योजनाकारों का कहना है कि इसे पूरा होने में करीब 50 साल लग सकते हैं।
कहा जा रहा ‘दुनिया का आठवां अजूबा’
द लाइन शहर सिर्फ 200 मीटर चौड़ा होगा जिसे कुछ लोग ‘दुनिया का आठवां अजूबा’ भी कह रहे हैं। इस शहर में रहने वाले लोगों को एक से दूसरे छोर तक जाने में सिर्फ 20 मिनट का ही समय लगेगा। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान NEOM प्रोजेक्ट के तहत भविष्य के स्मार्ट शहरों का एक विशालकाय नेटवर्क स्थापित करना चाहते हैं। यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों से संचालित होगा। हालांकि कुछ विश्लेषकों को इसकी कामयाबी पर संदेह भी है।