भोपाल
मध्यप्रदेश में एक साल बाद विधानसभा चुनाव है। 2018 में चंद सीटों के कारण बीजेपी सत्ता से दूर रह गई थी। चुनाव से ठीक पहले बीजेपी एक विधायक ने जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखी है। इसके जरिए उन्होंने यह मैसेज देने की कोशिश की है कि मध्यप्रदेश जीतना है तो ऑपरेशन गुजरात करो। इसका सीधा मतलब है कि गुजरात फॉर्म्युला को एमपी में लागू करो। गुजरात में चुनाव से पहले सीएम और मंत्री तक बदल दिए गए थे। मैहर से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी की मांग से शिवराज सिंह चौहान की चिंता बढ़ गई है। आइए बताते हैं कि कौन हैं नारायण त्रिपाठी।
चिट्ठी में क्या है
बीजेपी के वरिष्ठ विधायक नारायण त्रिपाठी हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर हमेशा बयान देते रहे हैं। बीजेपी कभी-कभी नारायण त्रिपाठी की वजह से असहज हो जाती है। उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी लिखकर गुजरात में पार्टी की शानदार ऐतिहासिक जीत की बधाई दी है। इसके साथ ही आग्रह किया है कि मध्यप्रदेश में छोटे कार्यकर्ता हमेशा से ही पार्टी के शुभचिंतक हैं और चाहते हैं कि प्रदेश में फिर से गुजरात की तर्ज पर सरकार बने, इसके लिए सत्ता और संगठन में पूरी तरह बदलाव किया जाए। उन्होंने कहा है कि इससे प्रदेश में नए युग की शुरुआत हो।
त्रिपाठी ने अपने पत्र में कहा है कि राज्य में ‘एंटी इनकंबेंसी’ है और इसको समाप्त करने के लिए नए लोगों को अवसर दिया जाए। साथ ही नई कार्यप्रणाली से सत्ता और संगठन का संचालन हो। उन्होंने आगे कहा है कि राज्य में फिर से बीजेपी की सरकार बने, विकास और जन कल्याण की गति निर्बाध रूप से जारी रह सके, इसके लिए सत्ता और संगठन में पूरी तरह से बदलाव जरूरी है।
कई दलों में घूम चुके हैं नारायण
दरअसल, एमपी में चौथी बार जब बीजेपी की सरकार बनी तो नारायण त्रिपाठी के अंदर मंत्री बनने की चाहत जाग गई थी। वह लगातार पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर बयानबाजी कर रहे थे। साथ ही अपनी ही सरकार के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे थे। उन्होंने अलग विंध्य प्रदेश बनाने की मांग को लेकर भी आंदोलन कर रहे थे। बीजेपी से पहले नारायण त्रिपाठी कांग्रेस और सपा में भी रह चुके हैं। समय के अनुसार इनका मन बदलते रहता है।
पार्टी को दे चुके हैं गच्चा
कमलनाथ की सरकार के दौरान बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई थी। उस दौरान नाराणय त्रिपाठी अपनी पार्टी को गच्चा दे दिया है। उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग की थी। साथ ही उस दौरान कई बार उन्होंने कमलनाथ से जाकर मुलाकात भी की थी। सत्ता बदलते ही पार्टी में वह फिर से एक्टिव हो गए। मगर उनकी बेचैनी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा रही हैं।
विंध्य इलाके में त्रिपाठी का बड़ा कद
दरअसल, विंध्य इलाके में नारायण त्रिपाठी का कद बड़ा है। दल बदल की वजह से उनकी विश्वसनियता पर सवाल है। ऐसे में वह विंध्य प्रदेश की मांग को छेड़कर क्षेत्र में दबदबा बनाए रखते हैं। साथ ही यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि 2023 के चुनाव में पार्टी उनकी छुट्टी भी कर सकती है। सूत्रों बताते हैं कि अपने टिकट पर खतरा मंडराते देखकर नारायण त्रिपाठी ने नया शिगूफा छोड़ा है।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने भी गुजरात मॉडल के संकेत दिए
वहीं, नवभारत टाइम्स.कॉम से बातचीत के दौरान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी कहा है कि अगर गुजरात मॉडल अच्छा है तो हम उसे एडॉप्ट करेंगे। हमलोगों की नीति रही है कि हम अच्छी चीजों को अपनाते हैं। वह एक मॉडल तो है ही। उन्होंने कहा कि अगर किसी राज्य में अच्छा काम होता है तो हम उससे सीख लेते हैं और दूसरे राज्यों में अपनाते हैं। वहीं, टिकट काटने के सवाल पर कहा कि चुनावी समीकरण के अनुरूप निर्णय होता है। कैबिनेट में बदलाव पर उन्होंने कहा कि यह सीएम का विशेषाधिकार है।