तवांग में पिटा चीन, LAC पर फिर शरारत की तो दोहराएगी वही कहानी… तैयार बैठी है सेना

नई दिल्‍ली

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्‍टर में हिंसक झड़प के बाद चीनी सैनिकों के मूवमेंट्स पर बाज जैसी नजर रखी जा रही है। हर साल सेना सर्दियों के दौरान फॉरवर्ड एरियाज की तैनाती में थोड़े बदलाव करती है। ताजा झड़प के बाद सैन्‍य तैनाती में बेहतरी की भी तैयारी है। एक वरिष्‍ठ सैन्‍य अधिकारी के अनुसार, ‘हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कठोर मौसम और टेरेन के चलते हमारे रेस्‍पांस टाइम और क्षमता पर कोई असर नहीं पड़े। इसके लिए हम सैनिकों, कॉम्‍बेट रिजर्व्‍स, लॉजिस्टिकल बेसेज और गोला-बारूद के रीएडजस्‍टमेंट्स में लगे हैं।’ ऐसा 3,488 किलोमीटर लंबी एलएएसी के तीनों सेक्‍टर्स- वेस्‍टर्न (लद्दाख), मिडल (उत्‍तराखंड, हिमाचल) और ईस्‍टर्न (सिक्किम, अरुणाचल) में किया जा रहा है। खास नजर पूर्वी लद्दाख पर हैं जहां लगातार तीसरे साल सर्दियों के दौरान अग्रिम मोर्चों पर दोनों सेनाएं तैनात हैं। इसके अलावा अरुणाचल में भी निगरानी बढ़ा दी गई है।

पूर्वी लद्दाख के बाद अब सिक्किम, अरुणाचल में तैनाती बढ़ा रहा चीन
एक अन्‍य सैन्‍य अधिकारी ने कहा, ‘पूर्वी लद्दाख में देमचोक और चूमर से लेकर अरुणाचल में यांगत्‍से और फिश टेल 1 और 2 तक एलएसी पर विवाद की 23 अन्‍य प्रमुख जगहों पर भी फोकस है। फिलहाल जोर सर्वाइबेलिटी और कॉम्‍बेट क्षमता के संरक्षण पर है।’ मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में कई जगह अतिक्रमण करने और तनाव बरकरार रखने के बाद, पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) का फोकस अब 1,346 किलोमीटर लंबे LAC के पूर्वी सेक्‍टर पर है। मिलिट्री पोजिशंस और इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर बढ़ाने से इतर, पिछले तीन महीनों में PLA ने अरुणाचल और सिक्किम से लगती LAC के उस ओर तीन से चार अतिरिक्‍त सैन्‍य टुकड़‍ियों को तैनात किया है। सैन्‍य अधिकारी ने कहा, ‘PLA बलों की तैनाती में कोई वास्‍तविक कमी नहीं आई है।’

‘भयंकर ठंड में भी डटी रहती है सेना, PLA की शरारत बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी’
तवांग सेक्‍टर की सुरक्षा के लिए भारी फोर्स तैनात है क्‍योंकि चीन इसे ‘दक्षिणी तिब्‍बत’ बताकर दावा करता है। तवांग से भूटान को भी उसके पूर्वी छोर पर सुरक्षा मिलती है। एक मिलिट्री ऑफिसर के अनुसार, ‘1986-87 में सुमदोरोंग स्‍टैंड-ऑफ के दौरान भारत ने यांगत्‍से चोटी पर कब्‍जा किया जिससे PLA चिढ़ी रहती है। चोटियों पर हम मौजूद हैं जिससे हमें चीनी क्षेत्र में दूर तक नजर रखने की रणनीतिक बढ़त मिलती है।’ भयंकर ठंड के चलते उत्‍तरी सीमाओं के बेहद दुर्गम इलाकों की कई फॉरवर्ड पोस्‍ट को सेना पहले खाली कर दिया करती थी। सैनिकों की तैनाती भी घटा दी जाती थी। मिलिट्री ऑफिसर के अनुसार, ‘लॉजिस्टिक्‍स में सुधार के चलते अब ऐसा नहीं होता। हम कड़ाके की ठंड में भी अपने जवानों की देखभाल कर सकते हैं। PLA की तरफ से अतिक्रमण और घुसपैठ को बर्दाश्‍त नहीं किया जाएगा।’ 9 दिसंबर को तवांग सेक्‍टर में यही बात देखने को भी मिली। घुसपैठ करने आए करीब 300 चीनी सैनिकों को भारतीय सैनिकों ने कुछ घंटों में खदेड़ा। दोनों तरफ के सैनिकों को चोटें आईं।

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