बाजार में बिक रहा आम एसिड हो या नाइट्रिक एसिड, कितना खतरनाक है एक्सपर्ट ने बताया

नई दिल्ली

बाजार में बिक रहा एसिड हो या नाइट्रिक एसिड, दोनों ही उतना ही ज्वलनशील है। इंसान के लिए दोनों ही खतरनाक हैं, यह शरीर के जिस हिस्से में गिरेगा उसे केवल जलाता नहीं है, बल्कि गला देता है। यह कहना है डॉ. राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के बर्न स्पेशलिस्ट डॉक्टर मुकेश शर्मा का। डॉक्टर मुकेश ने कहा कि जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार यह पता चल रहा है कि द्वारका इलाके में हुई घटना में नाइट्रिक एसिड का इस्तेमाल हुआ है और यह 99 प्रतिशत प्योर है, यानी यह बहुत ही खतरनाक है।

डॉक्टर ने कहा कि जिस तरह किसी शराब में अल्कोहल की मात्रा 10 प्रतिशत होती है तो किसी में 40 प्रतिशत। जिसमें प्रतिशत की मात्रा ज्यादा होता है वह ज्यादा नशा करता है। ठीक उसी तरह यह एसिड 99 प्रतिशत तक प्योर है, इसलिए यह बहुत खतरनाक कहा जा सकता है। डॉक्टर ने कहा कि एसिड में निर्भर करता है कि कॉन्टैक्ट टाइम कितना था, अगर ज्यादा होता है तो बर्न भी ज्यादा होता है। इसके अलावा इसके ट्रॉमा का नेचर बॉडी को खराब कर देता है। बाद में रिकंस्ट्रक्शन भी मुश्किल होता है, टिशू जलने पर सिकुड़ जाते हैं। नॉर्मल बर्न में स्किन जलकर रह जाती है। कम जलता है तो दो हफ्ते में ठीक भी हो जाता है। लेकिन जब एसिड बर्न होता है तो वह अपनी क्षमता के साथ शरीर के अंदर जाता रहता है और जहां तक जाता है उसे गला देता है, इसलिए इसमें डीप बर्न होता है, टिशू गल जाता है। डॉक्टर ने कहा कि एसिड की सिंगल ड्रॉप भी आंख में चली जाए तो यह खतरनाक हो सकता है। ज्यादातर मामलों में आंख बंद हो जाती है, छींटा पड़ने पर कॉर्निया खराब हो जाता है, ऐसी स्थिति में कॉर्निया ट्रांसप्लांट तक की नौबत आ जाती है। अगर आंख के अंदर पहुंच गया तो यह आंख की रोशनी भी छीन लेता है।

लोकसभा में उठा सवाल- क्यों जारी है एसिड की रिटेल बिक्री?
उधर, बीजेडी के सांसद भर्तृहरि महताब ने सरकार से एसिड की रिटेल बिक्री पर बैन लगाने की मांग की है। उन्होंने लोकसभा में कहा कि कब तक इस मुद्दे पर आंखें मूंदे रहेंगे? यह बात समझ से परे है कि एसिड की रिटेल बिक्री क्यों जारी है, जबकि इसका गलत इस्तेमाल हो रहा है। बांग्लादेश जैसे देश ने इस मसले पर कड़े फैसले लिए हैं, फिर हमने क्यों एसिड की रिटेल बिक्री को जारी रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि लड़कियों पर एसिड हमले की घटनाएं थम नहीं रही हैं। ऐसे में जरूरी है कि एसिड की रिटेल बिक्री पर रोक लगाई जाए। इससे ऐसे असामाजिक तत्व, जो इसका गलत इस्तेमाल करते हैं, उनको ऐसा करने का मौका नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकार को जल्दी कदम उठाने होंगे, यह भारत की बेटियों की सुरक्षा से जुड़ा मामला है। महताब ने दिल्ली में बुधवार को एक छात्रा पर एसिड अटैक की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इससे समाज में कुंठा और हिंसा की परतें खुल रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एसिड (तेजाब) खुदरा दुकानों पर और ऑनलाइन कैसे उपलब्ध है? वहीं, ऐसे हमलों की पीड़िताओं को मुआवजे के लिए इधर-उधर क्यों चक्कर लगाने पड़ते हैं? महताब ने तेजाब हमलों के खिलाफ कानून बनाने की मांग करते हुए कहा कि वह इस संबंध में सदन में एक गैर-सरकारी संकल्प प्रस्तुत करेंगे।

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