निरहुआ के अहीर रेजीमेंट के बाद आदिवासी रेजीमेंट की डिमांड, CM हेमंत सोरेन ने कोलकाता के मंच से खेला बड़ा दांव

रांची

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शनिवार को कोलकाता में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हो रही है। इस बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए। हेमंत सोरेन ने कहा कि भारत का इतिहास आदिवासियों के बलिदान से भरा पड़ा हुआ है, परंतु इनकी वीरता को वो पहचान नहीं मिल पाई, जिसके वे हकदार हैं। इसलिए सेना में आदिवासी रजिमेंट के गठन का निर्देश रक्षा मंत्रालय को दिया जाए।

सीएम हेमंत सोरेन ने बैठक में अपनी बात रखते हुए कहा कि झारखंड जैसे उग्रवाद प्रभावित और गरीब राज्य में केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों (सीएमपीएफ) की प्रतिनियुक्ति के लिए केंद्र सरकार की ओर से राज्य सरकार से राशि के भुगतान की मांग नहीं की जानी चाहिए।

झारखंड में 8 लाख 35 हजार लोग अब भी आवास से वंचित
हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड के लगभग 8 लाख 35 हजार परिवार अभी भी पक्के मकान से वंचित है। इन सभी के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना स्वीकृत करने का निर्देश ग्रामीण विकास मंत्रालय को दिया जाए।

कोयला कंपनियों के पास 1 लाख 36 हजार करोड़ का बकाया
सीएम ने फिर ये बातें दोहराई है कि झारखंड राज्य का विभिन्न कोयला कंपनियों सीसीएल, बीसीसीएल और ईसीएल पर कुल लाख छत्तीस हजार करोड़ बकाया राशि का शीघ्र भुगतान कराया जाए।

उन्होंने बैठक में ये भी मांग रखी कि जीएसटी कंपनसेशन की अवधि को अगले 5 वर्षाें तक विस्तारित किया जाए, अन्यथा झारखंड को प्रत्येक वर्ष लगभग 5 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक में कई अन्य मांगों से भी केंद्र सरकार को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि 5 हेक्टेयर तक कि वन भूमि के अपयोजन के लिए राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत किए जाने के पूर्व के प्रावधान को बहाल किया जाए।

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