नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2024 के लोकसभा चुनाव में कौन ललकारेगा? जवाब है- दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल। संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनने की गुंजाइश हो ना हो, लेकिन केजरीवाल ने तो अपना दावा ठोक दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास पूरे भारत के उत्थान का रोडमैप है। दिल्ली में आयोजित आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की 11वीं मीटिंग में केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने बीजेपी को चीन के सामने हिम्मत दिखाने को ललकारा और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चीन की आक्रामक नीतियों के सामने नतमस्तक हो गई है। इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल ने भारत के विकास के अपने अजेंडे भी गिनाए। केजरीवाल के डेवलपमेंट एजेंडे में गरीब, गरीब और गरीब ही है। मतलब साफ है, अरविंद केजरीवाल बीजेपी को उसी के चुनावी हथियारों से चित करने की प्लानिंग में हैं। क्या देशवासियों से चीन के सामानों के बहिष्कार की अपील इसी प्लानिंग की अहम कड़ी है?
केजरीवाल ने बताया- भारत के लिए विजन
केजरीवाल ने कहा, ‘मेरे पास पूरे देश के लिए विजन है… आप ही एकमात्र माध्यम है जिसके जरिए विजन को जमीन पर उतारा जा सकता है। मैं एक ऐसे भारत की कल्पना करता हूं जो शिक्षा का वैश्विक केंद्र हो, जहां कोई भूखा नहीं सोता हो, जहां वंचित वर्ग को टॉप क्लास की शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें और वह धनवान बने। भारत के लिए मेरे विजन में जाति-धर्म आधारित बंटवारे की कोई जगह नहीं, भारत अगर एकजुट नहीं हुआ तो इसकी प्रगति नहीं हो सकेगी।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के मुकाबले अपनी और आम आदमी पार्टी की दावेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘आम तौर पर राष्ट्रीय परिदृश्य में तीन प्रमुख राजनीतिक दल हैं। कानूनी तौर पर तो कई और राजनीतिक दल हैं, लेकिन बीजेपी, कांग्रेस और आप ही देशव्यापी हैं। आप अपने काम की बदौलत बीजेपी और कांग्रेस से बहुत अलग है।’ केजरीवाल ने आगे कहा कि उनकी पार्टी के तीन मूल राजनीतिक सिद्धांत हैं- कट्टर देशभक्ति, कट्टर ईमानदारी और बिल्कुल भ्रष्टाचार मुक्त।
राष्ट्रीय स्तर पर छाने की छटपटाहट
दिल्ली नगर निगम चुनावों में बंपर जीत और गुजरात विधानसभा चुनावों में करीब 13 प्रतिशत वोट पाकर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने से आम आदमी पार्टी की बांछें खिली हुई हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव में तूफानी जीत हासिल करके दिल्ली के बाद किसी दूसरे प्रदेश में सरकार बनाने से आप का हौसला पहले से ही सातवें आसमान पर है। अब कमजोर विपक्ष की सूरत में अरविंद केजरीवाल की नजर देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर टिक गई है। लेकिन, उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी से मुकाबले का ख्वाब देखते ही यह तथ्य तड़पाने लगता है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई- दिल्ली और पंजाब में भी, जहां के विधानसभा चुनावों में उसकी एकतरफा जीत हुई है। अरविंद केजरीवाल अच्छे से समझ रहे हैं कि प्रादेशिक स्तर पर वोटों की बौछार कराने वाले लुभावने वादे राष्ट्रीय स्तर पर टांय-टांय फिस्स साबित हो रहे हैं, इसलिए उन्होंने ट्राइड एंड टेस्टेड फॉर्म्युले पर अपना चुनावी अभियान बढ़ाने का निश्चय कर लिया है। अच्छे से आजमाया और ठीक से परखा वो सूत्र है राष्ट्रवाद और गरीब कल्याण जिसके सहारे बीजेपी लोकसभा चुनावों में अपराजेय सी दिख रही है।
तवांग झड़प पर मोदी सरकार की घेरेबंदी
केजरीवाल को लगता है कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग स्थित यांगत्से में चीनी सैनिकों के साथ झड़प का मुद्दा राष्ट्रवादी विचार के मतदाताओं में सेंध लगाने का अवसर दे सकता है। इसलिए उन्होंने आव देखा ना ताव और मोदी सरकार को चुनौती दे डाली। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार देश के सैनिकों के लिए थोड़ा भी साहस और सम्मान नहीं दिखा पा रही है। उन्होंने यहां तक कहा कि मोदी सरकार चीन को सजा देने के बजाय इनाम दे रही है। केजरीवाल बोले, ‘यह एक बहुत ही अहम मुद्दा है जो पिछले कुछ दिनों से देश के हर व्यक्ति को पीड़ा दे रहा है। पिछले कुछ सालों से चीन घुसपैठ करता आ रहा है। हमारे देश के जवान उनसे डटकर मुकाबला करते हैं और अपनी जान तक देते हैं। फिर भी, पिछले कुछ वर्षों से, हम चीन के हमारे क्षेत्र में प्रवेश करने के बारे में सुनते रहे हैं।’
चीनी सामानों के बहिष्कारी की अपील की राजनीति
केजरीवाल ने दावा किया कि भारत ने 2020-21 में चीन से 65 अरब डॉलर का सामान खरीदा। उन्होंने दावा किया, इसके बाद चीन ने और आंख दिखाई। भाजपा सरकार ने अगले साल 95 अरब डॉलर का सामान उनसे (चीन से) खरीदा। केजरीवाल ने कहा, ‘क्या हमारे जवानों के लिए आपके मन में कोई सम्मान नहीं है? क्या उनकी जिंदगी की कोई कीमत नहीं है?… थोड़ा साहस दिखाओ। अगर भारत ने आयात बंद कर दिया तो चीन को औकात पता चल जाएगी।’ ध्यान रहे कि बीजेपी अंतरराष्ट्रीय संबंधों में साहस, हिम्मत जैसे शब्दों को आधार बनाकर खूब प्रचार करती है। वहीं, बीजेपी का समर्थक राष्ट्रवादी तबका चीनी सामानों के बहिष्कार को बहुत तवज्जो देता है। केजरीवाल ने यही मूड भांपते हुए कहा, ‘वे कहते हैं कि चीनी उत्पाद सस्ते हैं। हम सस्ते होने पर भी चीनी उत्पाद नहीं चाहते हैं। हम भारत में बने उत्पादों को खरीदने के लिए तैयार हैं, भले ही इसकी हमें दोगुनी कीमत चुकानी पड़े।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सीधे पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आप देश से भारतीयों को भगा रहे हैं… आप चीनियों को (भारत) आमंत्रित कर रहे हैं और उन्हें झूला झुला रहे हैं।’
केजरीवाल का छह सूत्री एजेंडा
इसी वर्ष अगस्त महीने में अरविंद केजरीवाल ने भारत को विश्व पटल पर अव्वल बनाने के लिए छह सूत्रीय एजेंडा पेश किया था। आम आदमी पार्टी के प्रथम राष्ट्रीय जनप्रतिनिधि सम्मेलन में केजरीवाल ने कहा था, ‘हमें 130 करोड़ भारतवासियों को साथ लेकर चलना होगा ताकि भारत दुनिया का नंबर वन देश बन सके।’ केजरीवाल ने तब कहा था कि सभी के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं, पांच वर्ष में भारत से गरीबी खत्म करने का संकल्प, हर युवा को रोजगार, महिलाओं को सुरक्षा और समान अवसर, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचों का निर्माण और किसानों को उनकी फसलों का पूरा-पूरा दाम सुनिश्चित करके ही भारत को दुनिया में अव्वल बनाया जा सकता है।