नई दिल्ली
पाकिस्तान में अराजकताखत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। देश के कई इलाके पूरी तरह से अस्थिर हो चुके हैं। खैबर पख्तूनख्वा में रविवार को एक बार फिर आतंकवादियों ने एक नए बने पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया और इस हमले में 4 पुलिसकर्मी मारे गए और 4 घायल हुए हैं। पुलिस ने बताया कि दक्षिण वजीरिस्तान कबाइली जिले की सीमा से सटे लकी मरवत के बरगई पुलिस स्टेशन पर आतंकवादियों ने हमला किया, जिनके पास हथगोले और रॉकेट लांचर सहित घातक हथियार थे।
संदिग्ध Terrorist हमले के बाद हुए फरार
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा पुलिस के साथ आतंकवादियों के एनकाउंटर के बाद संदिग्ध आतंकवादी मौके से फरार हो गए। पुलिस की टीम ने संदिग्धों को पकड़ने के लिए पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री महमूद खान ने हमले को कायरतापूर्ण कृत्य बताया और प्रांतीय पुलिस प्रमुख से तत्काल रिपोर्ट मांगी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और हमले की निंदा की।
हालांकि किसी भी समूह ने तत्काल हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, जिले में पुलिस पर हुए पिछले हमलों की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने ली है। 2007 में कई आतंकवादी संगठनों के एक समूह के रूप में स्थापित टीटीपी ने जून में सरकार के साथ हुए संघर्ष विराम को वापस ले लिया और अपने आतंकवादियों को देश भर में आतंकवादी हमले करने का आदेश दिया था।
पिछले महीने, आतंकवादियों ने एक पुलिस गश्ती वाहन पर हमला किया था, जिसमें एक ही क्षेत्र में सभी छह पुलिसकर्मी मारे गए थे। पाकिस्तानी तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। माना जाता है कि समूह, जिसे अल-कायदा का करीबी माना जाता है, को पाकिस्तान भर में कई घातक हमलों के लिए दोषी ठहराया गया है, जिसमें 2009 में सेना मुख्यालय पर हमला, सैन्य ठिकानों पर हमले और 2008 में इस्लामाबाद में मैरियट होटल में बमबारी शामिल है।