शराबबंदी कानून में लापरवाही पर सीधे नपेंगे DM और SP, ऐक्शन में आई नीतीश सरकार ने लिया कड़ा फैसला

पटना

बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से सीधे आरएस भट्टी को बिहार बुला लिया है। मुख्यमंत्री की ओर से प्रशासन को खुली छूट दे दी गई है, जिसमें वे शराब माफिया पर नकेल कस सकते हैं। बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री सुनील कुमार ने एक विशेष बैठक की। मंत्री वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जिलों के तमाम एसपी और डीएम से जुड़े। उन्होंने सभी को शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है।

मद्य निषेध मंत्री का फरमान
मद्य निषेध और उत्पाद मंत्री सुनील कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि यदि शराबबंदी कानून को मुस्तैदी से लागू करने में कोई भी लापरवाही बरती जाती है, तो आलाधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे। उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने साफ कहा कि गलती होने के बाद जिले के डीएम और एसपी सीधे नप जाएंगे। यानी किसी भी जिले में शराबबंदी कानून के उल्लंघन की घटना होती है, उसके सीधे जिम्मेदार डीएम और एसपी होंगे। सुनील कुमार ने सभी जिलों के अधिकारियों से बातचीत की ओर कहा कि शराब माफिया पर सख्ती से नकेल कसें। सचिवालय स्थित अपने कार्यालयम में सुनील कुमार ने जिलाधिकारियों के साथ सभी एसपी से बातचीत की। उन्होंने कहा कि शराब से जुड़े धंधेबाजों का स्पीडी ट्रायल कराया जाए और उन पर तेजी से कार्रवाई की जाए।

डीएम एसपी को सख्त निर्देश
बैठक में विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक और एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने शराबबंदी कानून को मुस्तैदी से लागू करने से संबंधित विस्तृत दिशा निर्देश सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को दिये। एडीजी मुख्यालय ने कहा कि सभी जिलों को शराबबंदी कानून पूरी सख्ती से लागू करने के लिए एक-एक नोडल ऑफिसर की नियुक्ति कर दी जाए। ये पदाधिकारी खास तौर से शराबबंदी कानून की समीक्षा करेंगे और इस मामले को विशेष तौर पर देखेंगे। इन पदाधिकारियों के जिम्मे कोई काम नहीं होगा। इस बैठक में सभी जिलों के एसपी को साफ कहा गया कि सप्ताहिक क्राइम मीटिंग में इसकी समीक्षा करें और संबंधित रिपोर्ट मुख्यालय को विशेष तौर पर भेजें। बैठक में ये निर्देश दिया गया कि किसी तरह की कोताही इस काम में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस बैठक में सभी रेंज के डीआईजी और आईजी के अलावा सभी जिलों के उत्पाद अधीक्षक शामिल रहे।

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