वॉशिंगटन
दुनिया में कोरोना वायरस के मामले फिर से तेजी से बढ़ रहे हैं। चीन और जापान में तो रोज-रोज हजारों नए केस सामने आ रहे हैं। इस बीच वैज्ञानिकों ने बताया है कि कोरोना वायरस के कारण लोग जॉम्बी इन्फैक्शन का शिकार हो सकते हैं। जॉम्बी इन्फैक्शन एक टर्म है, जिसमें किसी बीमारी के संपर्क में आने से स्वस्थ व्यक्ति संक्रमित हो जाता है। इसके बाद वह स्वस्थ व्यक्ति दूसरों को संक्रमित करता है। कोरोना वायरस का संक्रमण भी ऐसे ही फैलता है। स्टडी में बताया गया है कि कोरोना वायरस मरीजों की मौत के बाद भी उनमें सक्रिय रह सकता है और यहां तक कि दूसरों में भी फैल सकता है।
शवों के संपर्क में आने वाले लोगों को खतरा
इस स्टडी के अनुसार, जो लोग कोरोना से मरने वाले लोगों के शवों को संभालते हैं, उन्हें इस बीमारी से संक्रमित होने का सबसे ज्यादा खतरा है। इसमें पैथोलॉजिस्ट, मेडिकल इग्जॉम्नर और हेल्थ केयर वर्कर या अस्पताल और नर्सिंग होम जैसे संस्थानों में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति शामिल है। हालांकि, यह संक्रमण के फैलने के मामलों का एक प्रमुख कारण नहीं बन सकता है। इसके बावजूद हेल्थ एक्सपर्ट्स कोरोना से मरने वाले मरीजों के शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को सतर्क रहने की चेतावनी दे रहे हैं।
कोविड से मरने वालों के शवों से दूर रहने की सलाह
जापान के चिबा विश्वविद्यालय के एक रिसर्चर हिसाको सैतोह ने कहा कि कुछ देशों में, जो लोग कोविड -19 से मर चुके हैं, उन्हें लावारिस छोड़ दिया जा रहा है या उनके शवों को घरों में वापस ले जाया जा रहा है। यह दोनों ही खतरनाक तरीके हो सकते हैं। ऐसे में मुझे लगता है कि उन्हें यह जानकारी होनी चाहिए कि मृत व्यक्ति के शरीर से भी कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा उतना ही ज्यादा है, जितना किसी जीवित संक्रमित व्यक्ति से। सैतोह ने हाल में ही इस बीमारी पर दो स्टडीज प्रकाशित किए हैं। उन्होंने कहा कि
जापान में नियमों में ढील देने से फैला कोरोना
जुलाई 2020 में जापान सरकार ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों से आग्रह किया कि वे शवों से दूर रहें, उन्हें छूने से परहेज करें। हो सके तो उन्हें देखने से भी बचें। कोरोना से मरने वाले व्यक्तियों के शवों को नॉन ट्रांसपरेबल थैलियों में सील कर 24 घंटे के भीतर जल्द से जल्द अंतिम संस्कार करने का सुझाव भी दिया गया था। मई 2022 में इन प्रतिबंधों को कम कर दिया गया और नई गाइडलाइन जारी की गई। इसमें कोरोना से मरे हुए व्यक्ति के परिजन संक्रमण नियंत्रित अस्पताल के एक कमरे में शव को देख सकते थे।