नई दिल्ली
कोविड-19 ने चीन में दहशत फैला रखी है। जापान, साउथ कोरिया, ब्राजील और अमेरिका में भी कोरोना केस बढ़ रहे हैं। इनके मुकाबले भारत कहीं बेहतर स्थिति में है। विदेशों से सीख लेते हुए भारत सरकार ने ऐहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। इस बीच, मेदांता के चेयरमैन डॉ नरेश त्रेहन ने कहा कि भारत को सतर्क रहने की जरूरत है। त्रेहन ने बातचीत में कहा कि यह सब जानना चाहते हैं कि चीन में कोरोना विस्फोट के पीछे कौन सा वैरिएंट है। डॉ त्रेहन ने कहा कि ‘ये रिपोर्ट्स आ रही हैं कि कितनी मौतें हो रही हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां आज-कल तीन-साढ़े तीन हजार केसेज रिपोर्ट हुई लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इतने ही केस हैं। अब लोगों ने टेस्ट कराने बंद कर दिए हैं। जिसको खांसी-जुकाम होता है, सोचता है कि फ्लू है तो टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनके लक्षण काफी हल्के हैं।’
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ संजीव बगई ने कहा कि लोगों को मास्क पहनना फिर शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने सलाह दी कि सरकार को ट्रेवल एडवायजरी जारी करनी चाहिए। डॉ संजीव ने कहा कि ‘चीन के मुकाबले भारत में हालात ठीक हैं। चीन के सभी नागरिकों को वैक्सीन नहीं लगी है।
बच्चों को ज्यादा खतरा है?
बदलते मौसम में सर्दी-खांसी की परेशानी बढ़ गई है। बच्चों में खांसी जल्द ठीक नहीं हो रही। क्या यह भी कोविड से जुड़ा है? डॉ त्रेहन ने कहा कि भारत ने प्रदूषण काफी ज्यादा है। उसी वजह से सबको कुछ न कुछ खांसी-जुकाम रह रहा है।
केंद्र ने आज बुलाई हाई लेवल मीटिंग
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया बुधवार को एक उच्चस्तरीयक बैठक करेंगे। राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि कोरोना के मामलों की स्थिति की समीक्षा इस बैठक में की जाएगी। पवार ने कहा कि ‘अन्य देशों की क्या स्थिति है, कितने मामले बढ़ रहे हैं। भारत में भी क्या करना चाहिए इसलिए ये बैठक बुलाई गई है।’