भोपाल
कोरोना के नए BF.7 वैरिएंट के चलते चीन में मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मध्य प्रदेश में भी सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। सरकार ने सभी जिलों के सीएमएचओ को कोविड के संक्रमण को बढ़ने से पहले नियंत्रित करने के लिए सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश जारी किए हैं। सभी पॉजिटिव मरीजों के सैंपल की जीनोम टेस्टिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश में अभी कोरोना के कुल सात एक्टिव मरीज हैं। सभी मरीज भोपाल, खंडवा और इंदौर में हैं। सभी होम आइसोलेशन में हैं।
स्वास्थ्य संचालनालय के अनुसार बीते दो सप्ताह से राज्य के किसी अस्पताल में कोरोना का नया मरीज भर्ती नहीं हुआ है। भोपाल के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के अनुसार बीते दो सप्ताह से रोजाना औसतन कोरोना के करीब 200 सैंपल की जांच हो रही है। सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण वाले मरीजों को कोविड टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है।
खंडवा में पॉजिटिविटी रेट सबसे ज्यादा
10 दिसंबर से 16 दिसंबर के बीच प्रदेश में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट खंडवा का रहा। खंडवा में कोविड की साप्ताहिक संक्रमण दर 0.66 प्रतिशत है। भोपाल में यह 0.49 और इंदौर में 0.24 प्रतिशत है।
42 जिलों में संक्रमण दर शून्य
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक प्रदेश के 42 जिलों में कोविड के संक्रमण को नियंत्रित रखने लगातार सर्विलांस सैंपलिंग की जा रही है। इन जिलों में एक भी सैंपल कोविड पॉजिटिव नहीं निकला है। इन जिलों में कोविड संक्रमण दर शून्य है।
हर कोविड पॉजिटिव मरीज का जीनोम टेस्ट
प्रदेश में अब हर नए कोविड पॉजिटिव व्यक्ति के सैंपल का जीनोम टेस्ट कराया जाएगा। राज्य सरकार ने यह फैसला बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से देशभर में कोविड के संक्रमण का अलर्ट जारी होने के बाद लिया है। टेस्ट के लिए सैंपल भोपाल के एम्स और ग्वालियर स्थित रक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला (डीआरडीओ) भेजे जाएंगे। स्वास्थ्य संचालनालय के अफसरों ने बताया कि चीन में कोविड का संक्रमण जिस वैरिएंट BF.7 के कारण बढ़ा है, उसका एक भी केस अब तक मध्य प्रदेश में नहीं है। राज्य में इसके संक्रमण को बढ़ने से पहले नियंत्रित करने के लिए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के सैंपल्स की शत-प्रतिशत जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी। जीनोम टेस्ट की रिपोर्ट आने तक कोविड संक्रमित मरीज को आईसोलेशन में रहना होगा।