बीजिंग
चीन ने कुछ दिनों पहले ही कोविड प्रतिबंधों में ढील दी है। इसके बाद से बीजिंग समेत कई शहरों में हालात नई लहर जैसे बन गए हैं। देश में संक्रमण के मामले और सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा और कन्फ्यूजन तेजी से बढ़ रहे हैं। रैपिड टेस्ट किट की भारी कमी के बीच झेजियांग, अनहुई और चोंगकिंग जैसे कई प्रांतों में नई नीति लागू की गई है। हल्के लक्षण या बिना लक्षण वाले लोगों को काम पर जाने के लिए कहा जा रहा है। लोग इस घोषणा से हैरान और बेहद नाराज हैं।
बीबीसी की खबर के अनुसार, चीन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर एक यूजर ने लिखा, ‘पिछले तीन साल में कोई भी तैयारी नहीं की गई और अचानक प्रतिबंध हटा दिए गए। अब बीमार होने पर आपको काम पर जाने के लिए कहा जा रहा है, हमारी जिंदगी चींटियों की तरह ही बेकार है।’ एक अन्य शख्स ने लिखा, ‘कई महीने पहले पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों को काम पर जाने के लिए गिरफ्तार किया जा रहा था।’
‘देश से बाहर हैं तो चीन मत लौटें’
कुछ विदेशी चीनी जो हाल ही में होटल क्वारंटीन की अवधि को पूरा करके देश लौटे हैं, यह देखकर हैरान हैं कि वायरस कितनी तेजी से फैल रहा है। एक अन्य चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Xiaohongshu पर एक यूजर ने लिखा, ‘विदेश में रहने के दौरान मुझे पिछले कुछ साल में कभी कोविड नहीं हुआ। लेकिन वापस आने के कुछ दिनों बाद हो गया। जिस-जिस को भी मैं जानता हूं उसे बुखार है और कोविड से संक्रमित है। इसलिए फिलहाल अगर आप देश से बाहर रह सकते हैं तो वापस न आएं।’
चीन में डॉक्टरों और दवाओं की कमी
पिछले दो हफ्तों में चीन का इंटरनेट इस तरह की पोस्ट से भर गया है जहां लोग कोरोना से अपनी लड़ाई का अनुभव साझा कर रहे हैं। चीनी मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें बिना लक्षण वाले बच्चे अपने बीमार माता-पिता को खाना और पानी देते दिख रहे हैं। देश भर में दवाओं और डॉक्टरों की कमी पड़ गई है। ऐसे में मीडिया सामुदायिक भावना की कहानियों को बढ़ावा दे रहा है। पिछले महीने सख्त कोविड प्रतिबंधों के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बाद दी गई छूट अब चीन पर ही भारी पड़ रही है।