जोशीमठ,
आदि जगद्गुरु शंकराचार्य की तपस्थली और बद्रीनाथ धाम की यात्रा का मुख्य पड़ाव जोशीमठ धंसने की कगार पर है. यहां 9 वार्डों के 513 मकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं. हर दिन जोशीमठ नगर के अलग-अलग वार्डों में घरों में दरारों की सूचना मिलने से लोग भयभीत और आक्रोशित हैं.
सरकार को ध्यान देना चाहिए
लोगों का कहना है कि यहां बनने वाली तपोवन विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना की टनल के कारण जोशीमठ में भू-धंसाव हो रहा है. इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.
नगर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद
भू-धंसाव की घटनाओं को लेकर शनिवार को जोशीमठ में हजारों लोगों ने नगर में विशाल जन आक्रोश रैली निकाली. इस दौरान नगर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. जुलूस बद्रीनाथ स्टैंड से थाना जोशीमठ होते हुए तहसील परिसर पहुंचा. यहां जुलूस जनसभा में बदल गया. इसमें क्षेत्रीय विधायक राजेंद्र भंडारी भी शामिल रहे.
नगर की 800 से अधिक दुकानें बंद
नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार का कहना है कि आज तक एक पटवारी भी यहां निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचा है. वहीं व्यापार मंडल का कहना है कि नगर की 800 से अधिक दुकानें पूरी तरह से बंद हैं. मांगे न मानी गईं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
सरकार को उचित मुआवजा देना चाहिए
जनता की समस्या को देखते हुए बद्रीनाथ सीट से विधायक भी यहां पहुंचे. उन्होंने आगामी विधानसभा सत्र में जोशीमठ की समस्या को रखने की बात कही. उन्होंने कहा कि जोशीमठ खतरे की जद में है. सरकार को उचित मुआवजा देना चाहिए और नया मास्टर प्लान तैयार करना चाहिए ताकि जोशीमठ को बचाया जा सके.