कोरोना चीन पर कहर बनकर टूट रहा है। एक तरफ अस्पतालों के बाहर मरीजों की लंबी कतारें हैं। वहीं शमशान घाटों में भी वेटिंग चल रही है। सोशल मीडिया पर मौजूद वीडियो में चीन की हालत खस्ता होती दिख रही है। उधर कोविड संकट के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहली बार कुछ बोले हैं। उन्होंने अफसरों से अपील की है कि कैसे भी करके लोगों को मौत के मुंह में जाने से बचाएं।
जीरो कोविड पॉलिसी में ढील के बाद हालात बिगड़े
जीरो कोविड पॉलिसी में ढील देने के कारण चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण ने कहर बरपा दिया है। मरीजों की संख्या बहुत अधिक होने की वजह से अस्पतालों में जगह नहीं बची है। अस्पतालों के मुर्दाघर शवों से भरे पड़े हैं। हालांकि, स्वास्थ्य आयोग ने इस महीने कोविड-19 से केवल छह लोगों की मौत को ही आधिकारिक आंकड़ों में दर्ज किया है। चीन में कोविड-19 से अब तक हुई मौतों का आधिकारिक आंकड़ा केवल 5,241 दिखाया गया है। चीनी सरकार संक्रमण की स्थिति में श्वसन प्रणाली के फेल होने और निमोनिया के चलते होने वाली मौतों को ही आधिकारिक आंकड़ों में दर्ज करता है। विशेषज्ञों का कयास है कि चीन में 2023 के अंत तक कोरोना संक्रमण से 10 से 20 लाख लोगों की मौत हो सकती है।
चीन में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 महामारी की लहर देखने को मिल रही है। छोटे शहरों और दक्षिण पश्चिम बीजिंग के अस्पतालों के आपात चिकित्सा कक्ष मरीजों से भरे हैं। एंबुलेंस को ही इमरजेंसी यूनिट में तब्दील कर इलाज किया जा रहा है। मरीजों के तीमारदार अस्पताल में एक बिस्तर के लिए दर-दर भटक रहे हैं। हालात यह है कि मरीजों को अस्पतालों के गलियारों और जमीन पर लिटा कर इलाज किया जा रहा है।
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने बीते दो दिनों में हेबेई प्रांत के बाओडिंग और लांगफांग के कस्बों और छोटे शहरों के पांच अस्पतालों और दो शमशानों का दौरा किया। पाबंदियों में ढील दिए जाने के बाद महामारी ने सबसे अधिक विकराल रूप इसी इलाके में लिया । कई दिनों तक घर में रहने के बाद अब कई उबर चुके हैं और युवा अपने काम पर लौट चुके हैं। लेकिन बुजुर्ग गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं।
चीन कर रहा बुजुर्गों के टीकाकरण की कोशिश
चीनी अधिकारी घर-घर जाकर 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोविड-19 रोधी टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, लेकिन मामले बढ़ने के बावजूद अनेक लोग टीके के दुष्प्रभावों की बात कहकर टीकाकरण नहीं कराना चाहते। इस बारे में 64 वर्षीय ली लियानशेंग का कहना है कि उनके दोस्त बुखार, रक्त के थक्के बनने और अन्य दुष्प्रभावों की बात सामने आने के कारण कोविड रोधी टीका नहीं लगवाना चाहते। कोरोना वायरस से संक्रमित होने से पहले टीका लगवा चुके ली ने कहा, “जब लोग ऐसी घटनाओं के बारे में सुनते हैं, तो वो टीका नहीं लगवाना चाहते।