सरकार का बड़ा ऐलान! भारत में नहीं बिकेंगे बिना USB Type-C वाले स्मार्टफोन, तय की ये डेडलाइन

नई दिल्ली

सरकार ने मोबाइल फोन, लैपटॉप और वियरेबल के लिए कॉमन टाइप चार्जिंग पोर्ट का ऐलान किया है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) की तरफ से USB Type-C पोर्ट को क्वॉलिटी स्टैंडर्ड पोर्ट का ऐलान किया है। मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर मिनिस्ट्री के सीनियर ऑफिसर के मुताबिक सरकार ने दो तरफ से मोबाइल, स्मार्टफोन और टैबलेट के लिए दो तरह के कॉमन चार्जिंग पोर्ट USB Type-C और वियरेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के लिए दूसरे चार्जिंग पोर्ट का ऐलान किया गया है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से..

लैपटॉप और स्मार्टफोन के लिए कॉमन यूएसबी टाइप-सी पोर्ट
पिछली बार की मीटिंग में USB Type-C पोर्ट पर मंजूरी बनी थी। कंज्यूमर अफेयर सेक्रेट्री रोहित कुमार सिंह के मुतबाकि BIS की तरफ से स्टैंडर्ड चार्जर के तौर पर Type C को मान्यता दे दी गई है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) कानुपर की तरफ से वियरेबल के लिए एक कॉमन चार्जर के लिए स्टडी की जा रही है। एक बार रिपोर्ट सब्मिट होने के बाद कॉमन वियरेबल चार्जर को मान्यता दी जाएगी।

मार्च 2023 की डेडलाइन हुई तय
सरकार के मुताबिक डिवाइस मैन्युफैक्चर्स को कॉमन मोबाइल चार्जर के लिए मार्च 2025 की डेडलाइन दी गई है। जबकि कॉमन वियरेबल चार्जर के लिए 2026 की डेडलाइन निर्धारित की गई है। ऐसे में स्मार्टफोन कंपनियां मार्च 2025 के बाद बिना USB Type-C पोर्ट वाले स्मार्टफोन और लैपटॉप की बिक्री नहीं कर पाएंगी। बता दें कि यूरोपियन यूनियन (EU) की ओर से 28 दिसंबर 2024 की डेडलाइन तय की गई है।

बढ़ते इलेक्ट्रिॉनिक कचरे की वजह से लिया गया फैसला
दरअसल सरकार का मानना है कि अलग-अलग तरह के चार्जर से देश में इलेक्ट्रॉनिक कचरे की मात्रा में इजाफा होता है। साथ ही यूजर्स को चार्जिंग के लिए अलग चार्जर की वजह से परेशानी होती है। इसके अलावा यूजर्स से चार्जर के नाम पर ज्यादा पैसे चार्ज किए जाते हैं।

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