भोपाल
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को एक और बड़ा एलान किया है। कमलनाथ ने कहा कि अगले विधानसभा चुनावों के बाद एमपी में कांग्रेस की सरकार बनी तो वृद्धावस्था पेंशन की राशि बढ़ाकर एक हजार रुपये की जाएगी। पिछले एक महीने में कमलनाथ ने यह तीसरी बड़ी घोषणा की है। उनके घोषणावीर अंदाज को देखते हुए चर्चा चल पड़ी है कि कमलनाथ खुद को सीएम कैंडिडेट के रूप में प्रोजेक्ट तो नहीं कर रहे।
एक रुपये यूनिट बिजली, ओपीएस का कर चुके वादा
विधानसभा चुनाव में अभी करीब 10 महीने का समय बचा है, लेकिन कमलनाथ एक के बाद एक घोषणाएं कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने कहा था कि एमपी में कांग्रेस की सरकार बनी तो लोगों को एक रुपये यूनिट बिजली मिलेगी। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का भी वादा किया है। इसके अलावा पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने का एलान भी वे कर चुके हैं। बता दें कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है और यहां पुरानी पेंशन स्कीम को फिर से लागू किया गया है। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए एमपी में सभी पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की शुरुआत की थी। हालांकि, पुलिसकर्मियों की कमी के कारण शिवराज सरकार ने इसे बंद कर दिया।
सत्ता के लिए लोकलुभावन वादों का सहारा
2018 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने किसानों के लिए कर्जमाफी का वादा किया था। चुनाव में मिली जीत में इसकी अहम भूमिका रही थी। कमलनाथ इस बार भी सत्ता में वापसी के लिए लोकलुभावन वादों का सहारा ले रहे हैं। दरअसल, बीजेपी से सत्ता छीनने के लिए वे सभी तिकड़म अपना रहे हैं जो 2018 के चुनाव से पहले किए थे। वे प्रदेश कांग्रेस के संगठन में भी इसी हिसाब से बदलाव करने और नई टीम बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
पार्टी ने नहीं बताया सीएम कैंडिडेट
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पार्टी की रणनीति और विजन का खुलासा करने का अधिकार कमलनाथ के पास है। लेकिन उनकी घोषणाओं से लग रहा है कि वे खुद को पार्टी का सीएम फेस मान रहे हैं। हालांकि, पार्टी आलाकमान की ओर से उन्हें सीएम फेस घोषित नहीं किया गया है।
पार्टी लाइन से अलग तो नहीं जा रहे
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव सामूहिक नेतृत्व के आधार पर लड़ा जाएगा। चुनाव से पहले किसी को सीएम फेस के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया जाएगा। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कमलनाथ कहीं पार्टी की पॉलिसी से अलग जाने की कोशिश तो नहीं कर रहे। ऐसा करके वे यह जताने की कोशिश तो नहीं कर रहे कि मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में उनका कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है।