अडानी ने बताया, कैसे उनकी तरक्की में राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन का बड़ा योगदान

नई दिल्ली,

उद्दोगपति गौतम अडानी ने कम समय में बड़ी सफलता हासिल की है. वे दुनिया के तीसरे सबसे अमीर इंसान हैं. भारत में तो उन्होंने मुकेश अंबानी को भी पीछे छोड़ दिया है. अब विपक्ष आरोप लगाता है कि साल 2014 के बाद ही गौतम अडानी को इतनी जबरदस्त सफलता मिली है. आरोप लगाया जाता है कि क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इतना सपोर्ट किया, इस वजह से अडानी इतना आगे बढ़ सके. लेकिन आजतक को दिए खास इंटरव्यू में गौतम अडानी ने साफ कर दिया है कि उनकी सफलता के पीछे किसी एक इंसान या सरकार का हाथ नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह का भी उनकी तरक्की में बड़ा योगदान रहा है.

अडानी की सफलता में कई सरकारों का योगदान
इंडिया टुडे समूह के ग्रुप से बातचीत के दौरान गौतम अडानी ने कहा है कि कई लोगों को जानकर आश्चर्य होगा कि मेरा सफर जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब शुरू हुआ, जब उन्होंने एग्ज़िम पॉलिसी को बढ़ावा दिया और पहली बार कई चीजें OGL लिस्ट में आई. इससे मेरा एक्सपोर्ट हाउस शुरू हुआ. अगर वो न होते तो मेरी शुरुआत ऐसी न होती. दूसरा मौका 1991 में आया जब नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधार शुरू किए. मेरे साथ बहुत लोगों को इसका फायदा हुआ. इस बारे में पहले ही बहुत लिखा जा चुका है. तीसरा मौका 1995 में आया जब केशुभाई पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री बने. तब तक सिर्फ मुंबई से दिल्ली तक का एनएच-8 विकसित हुआ था. उनकी दूरदर्शिता और पॉलिसी के बदलाव से मुझे मुंडरा पर अपना पहला पोर्ट बनाने का मौका मिला. चौथा मौका 2001 में आया जब गुजरात में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास की दिशा दिखाई. उनकी नीतियों से गुजरात में आर्थिक बदलाव के साथ अविकसित क्षेत्रों का भी विकास हुआ. उससे उद्योग और रोज़गार का विकास हुआ.

पीएम मोदी के नेतृत्व से अडानी कितना खुश?
अब जब अडानी से सवाल पूछा गया कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को किस प्रकार से देखते हैं. इस पर भी उन्होंने एक विस्तृत जवाब दिया. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को एक प्रगतिशील नेतृत्व दिया है. उनकी नीतियों ने हर भारतीय की जिदंगी में बदलाव किया है. उनकी कोशिश से भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के साथ सामाजिक विकास भी हुआ है. उनकी नीतियों से देश में औद्योगिक और आर्थिक विकास हुआ है. आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया और स्टार्ट-अप इंडिया ने व्यापार और उत्पादन के नए मौके बनाए और लाखों लोगों को रोज़गार दिया. प्रधानमंत्री जी ने खेती और देश के अविकसित क्षेत्रों को भी प्रगति पथ पर डाला. स्वच्छ भारत, जनधन योजना, डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर और आयुष्मान भारत ने देश में परिवर्तन की नई दिशा दिखाई.

आलोचना का कैसे सामना करते हैं अडानी?
इतनी तरक्की के बावजूद भी गौतम अडानी को कई वर्गों से विरोध का सामना करना पड़ता है. उन पर कई तरह के आरोप भी लग जाते हैं. आजतक से बातचीत के दौरान उन्होंने साफ कहा है कि हार मानना अडानी कल्चर का हिस्सा नहीं रहा. वे कहते हैं कि इतने सालों में अडानी ग्रुप ने मज़बूत और प्रोफेशनल टीम तैयार की है. ये टीम ऊर्जावान है और समस्याओं का हल निकालने में विश्वास रखती है. मैंने भारत जैसे प्रजातंत्र में अपने कौशल को विकसित किया है. मुझे और मेरे ग्रुप को विश्वास है कि हम दुनिया के किसी भी हिस्से में कारोबार कर सकते हैं…. मैंने बचपन से ही कई परेशानियों का सामना किया और हर बार मुझे बेशकीमती सबक मिला.

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