नई दिल्ली,
फुटबॉल के जादूगर कहे जाने वाले पेले (Pele) अब हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. पेले के निधन की जानकारी उनकी बेटी ने केली नैसिमिंटो ने सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर की. पेले एक ओर जहां फुटबॉल (Football) के मैदान पर कमाल करते थे, तो वहीं वे अपने जमाने के सबसे महंगे खिलाड़ी भी थे. आइए जानते हैं उनकी नेटवर्थ के बारे में…
100 मिलियन डॉलर की संपत्ति छोड़ गए
the-sun.com पर सेलेब्रिटी नेटवर्थ के हवाले से साझा की गई जानकारी के मुताबिक, ‘किंग ऑफ फुटबॉल’ के नाम से भी पहचाने जाने वाले पेले अपने पीछे करीब 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति छोड़ गए हैं. उन्हें अब तक का सबसे महान फुटबॉलर माना जाता है और अपने चरम पर वह दुनिया में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले एथलीट थे. लेकिन, 29 दिसंबर 2022 को कोलन कैंसर जैसी घातक बीमारी ने उन्हें दुनिया छोड़ने पर मजबूर कर दिया.
शुरुआती जीवन संघर्षों से भरा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फुटबॉल की दुनिया में ब्राजील को टॉप पर पहुंचाने वाले पेले का शुरुआती जीवन बेहद ही संघर्ष भरा रहा. एक गरीब परिवार में जन्मे पेले को बचपन से ही फुटबॉल का खुमार था. फुटबॉल और किट खरीदने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे, तो साओ पाउलो की सड़कों पर वो अखबारों की रद्दी का गोला बनाकर खेलते थे. पेले ने चाय की दुकानों में वेटर के रूप में भी काम किया था. लीग मैचों में करीब 650 और सीनियर मैचों में 1281 गोल दागने वाले पेले अपने जज्बे के दम पर फुटबॉल की दुनिया के किंग बन गए.
पेले का जन्म 23 अक्टूबर, 1940 को ब्राजील के मिनास गेराइस में हुआ था. उनका पूरा नाम एडसन एरंटेस डो नासिमेंटो था. हालांकि, जैसे जैसे पेले फुटबॉल के मैदान में नए कीर्तिमान बनाते गए उन्हें ‘ब्लैक पर्ल’, ‘किंग ऑफ फुटबॉल’, ‘किंग पेले’ जैसे कई सारे निकनेम मिलते चले गए. उनकी संपत्ति में अधिकांश पैसा उनके फुटबॉल करियर के बाद ही बना था.
कई मशहूर Brand’s के साथ जुड़े
द डेलीस्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, Pele की सालाना कमाई करीब 14 मिलियन डॉलर थी और फुटबॉल के साथ-साथ कई मशहूर ब्रांड एंडोर्समेंट के जरिए भी खूब दौलत बनाई. उन्होंने Visa और Mastercard के साथ जुड़कर कमाई की, तो वहीं वे Puma जैसे शू ब्रांड के साथ भी रहे. उन्होंने ब्रांड एंबेसडर के तौर पर खूब दौलत बनाई. उन्हें 1992 में पारिस्थितिकी और पर्यावरण के लिए संयुक्त राष्ट्र के राजदूत के रूप में नामित किया गया था, जबकि 1994 में यूनेस्को सद्भावना राजदूत नॉमिनेट किया गया था.