गाड़ी में चिंगारी उठ रही थी, मैंने उन्हें पकड़ा और… ऋषभ को बचाने वाले हीरो ने बताई आपबीती

देहरादून

स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत गंभीर दुर्घटना का शिकार हो गए। उनकी कार रूड़की के नरसन बॉर्डर के पास कार डिवाइडर से टकराकर पलट गई। इसके बाद क्रिकेटर ने मर्सिडीज कार का विंडस्क्रीन तोड़ा। बाहर निकले। उनके सिर में दो जगह कट लगे हैं। दुर्घटना के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उनकी स्थिर बनी हुई है। ऋषभ की कार दुर्घटना को लेकर अब एक चश्मदीद सामने आया है। चश्मदीद सुशील सिंह ने कहा कि जब मैं वहां पहुंचा तो गाड़ी में आग नहीं लगी थी। चिंगारी उठ रही थी। मैं भागकर उन्हें पकड़ा और बाहर निकाल लिया। हालांकि, ऋषभ पंत की ओर से जो बयान आया है, उसके तहत उन्होंने विंडस्क्रीन तोड़कर खुद को बाहर निकाला। महज 6 मिनट में पूरी कार के राख होने की बात उन्होंने कही।

ऋषभ पंत दिल्ली से रूड़की अपने घर जा रहे थे। इसी क्रम में उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस घटना को लेकर चश्मदीद सुशील सिंह ने बड़ा दावा किया है। सुशील सिंह ने टाइम्स नाउ नवभारत से बात करते हुए कहा कि मैं सुबह हरिद्वार के लिए सुबह 4:25 बजे हरिद्वार के लिए निकला था। जैसे ही मैंने रुड़की पार किया और नरसन बॉर्डर के पास पहुंचा, एक दुर्घटना होता देखा। मैंने देखा कि वहां एक कार दुर्घटनाग्रस्त हो रही है। कार दिल्ली तरफ से आ रही थी। कार डिवाइडर तोड़कर पलटती हुई दिखाई दी।

कार को दुर्घटनाग्रस्त होता देख रोका था वाहन
सुशील सिंह ने कहा कि कार को दुर्घटनाग्रस्त होता देखकर मैंने अपनी गाड़ी में ब्रेक लगाया। उस गाड़ी को पलटते हुए देखा। इसके बाद मैं भागता हुआ दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी तक पहुंचा। उस समय गाड़ी में आग नहीं लगी थी। चिंगारी उठ रही थी। मैंने ऋषभ पंत को कार से निकलने का प्रयास करते देखा। वहां से खींचकर साइड में डिवाइडर पर डाल दिया। पहले तो मुझे लगा कि उनका निधन हो गया है। वह जीवित थे। इसके बाद मैं गाड़ी को देखने चला गया। लग रहा था कि कहीं उसमें कोई दूसरा आदमी तो नहीं है। कोई लेडीज और बच्चा तो नहीं फंसा है। मैं गाड़ी के अंदर झांकने लगा। वहां कोई अन्य नहीं मौजूद था। इसके बाद घायल व्यक्ति से पूछा कि क्या कोई गाड़ी के अंदर है? उसने कहा था कि नहीं। कोई नहीं है। मैं अकेला गाड़ी में था।

पंत ने दिया था परिचय
सुशील सिंह ने कहा कि घायल व्यक्ति ने मुझे बताया कि मैं क्रिकेटर हूं। अब मैं क्रिकेट नहीं देखता हूं। इसलिए, मुझे उनके बारे में नहीं पता था। फिर उसने अपना नाम पंत बताया। हमारे कंडक्टर ने कहा कि यह क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी ऋषभ पंत है। हमने पूछा कि यहां क्या करने चले आए? उन्होंने कहा कि मैं अपने घर जा रहा था। सुशील ने कहा कि हमने इंसानियत के लिए उन्हें बचाया। कंडक्टर ने पहले एंबुलेंस को फोन किया। मैंने पुलिस को फोन लगाया। दुर्घटना के बारे में जानकारी दी। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया।

सुशील सिंह ने दावा किया कि मैंने और मेरे कंडक्टर ने उन्हें कार से बाहर निकाल कर बचाया। जिस समय हम दोनों कार के पास पहुंचे वह आधा बाहर निकले हुए थे। हम लोगों ने 3 से 4 सेकंड के भीतर उन्हें बाहर कर दिया। 6 से 7 सेकंड के बाद कार में आग लग गई। पूरी कार 6 मिनट में गाड़ी जलकर राख हो गई।

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