क्या देश में कोरोना की चौथी लहर आने का माहौल बन रहा है? आंकड़ों का संकेत समझिए

नई दिल्ली

चीन समेत कई अन्य देशों में आई कोविड-19 की नई लहर के बाद भारत में भी चिंताएं बढ़ गईं। लगने लगा कि भारत में भी फिर से कोरोना का कहर बरप सकता है। इस कारण केंद्र और राज्य की सरकारें अलर्ट हो गईं। फिर से हॉस्पिटल, बेड, ऑक्सिजन आदि की चर्चा जोर पकड़ने लगीं। इस बीच, कोरोना पॉजिटिव केस के दैनिक आंकड़े भी थोड़े बढ़ने लगे। हालांकि, यह बढ़ोतरी इतनी बड़ी नहीं रही कि हड़कंप मच जाए। पिछले दो हफ्तों से देश में दैनिक कोरोना केस बढ़ तो रहे हैं, लेकिन बेहद मामूली। रविवार को समाप्त हुए सप्ताह में 1,526 नए कोरोना केस मिले थे जो बीते सप्ताह के 1,219 केस के मुकाबले 25 प्रतिशत ज्यादा हैं। 25 प्रतिशत अपने-आप में बहुत ज्यादा जान पड़ता है, लेकिन अगर वास्तिवक आंकड़े पर गौर करें तो साप्ताहिक अंतर सिर्फ 307 का है। तो क्या देश में कोरोना की चौथी लहर आने का खतरा टल गया है?

कर्नाटक में सबसे तेज वृद्धि
कर्नाटक में कोविड-19 महामारी में तेजी के संकेत मिल रहे हैं। दक्षिण भारत के इस प्रदेश में बीते सप्ताह 276 नए कोरोना केस आए जो पिछले सप्ताह के मुकाबले 150 ज्यादा हैं। नए कोरोना केस में इतनी तेज वृद्धि देश के किसी अन्य राज्य में नहीं देखने को मिली है। हालांकि, कुछ राज्यों में कोरोना केस बढ़ जरूर रहे हैं। मसलन केरल में ही सबसे ज्यादा नए कोरोना केस की संख्या 476 दर्ज की गई जो पिछले हफ्ते के 416 से 60 ही ज्यादा है। वहीं, तमिलनाडु में पिछले सप्ताह 86 नए कोरोना केस मिले जो उसके पिछले हफ्ते मिले 47 केस के मुकाबले सिर्फ 39 ज्यादा है।

ज्यादातर प्रदेशों में शांति
बाकी प्रदेशों में नए कोरोना केस की संख्या में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिल रहा है। महाराष्ट्र में पिछले हफ्ते 168 नए केस दर्ज किए गए जबकि उसके पिछले हफ्ते इसकी संख्या चार ज्यादा यानी 172 थी। इसी तरह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 72 के मुकाबले 81, राजस्थान में 81 के मुकाबले सिर्फ 48 केस ही मिले। बाकी किसी राज्य में कोरोना पॉजिटिव केस की साप्ताहिक संख्या 50 से ज्यादा नहीं है।

केंद्र सतर्क, राज्यों को सलाह
केंद्र सरकार ने राज्यों को कोविड टेस्टिंग और कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज बढ़ाने की सलाह दी है। साथ ही, केंद्र ने एजेंसियों को वायरस के नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग करने को भी कहा है ताकि पता चल सके कि ताजा मामलों में कोरोना के कौन से वेरियेंट की भूमिका है। दरअसल, चीन में कोरोना वायरस के नए बीएफ.7 वेरियेंट से मचे कोहराम के बाद संदेह जताया जा रहा है कि यह वेरियेंट भारत में भी ना आ गया हो।

कोविड पर बड़ी खुशखबरी
मार्च 2020 के बाद कोविड से हुई मौतों की संख्या पहली बार 26 दिसंबर से 1 जनवरी की सप्ताह में घटकर सिर्फ छह रह गई है। भारत में पहली बार कोरोना केस मिलने के पहले सप्ताह 16 से 22 मार्च 2022 में कोविड से कोई मौत नहीं हुई थी। उसके बाद 1 जनवरी को खत्म हुआ सप्ताह कोविड के नजरिए से सबसे अच्छा बीता। 19 से 25 दिसंबर वाले सप्ताह में भारत में कोविड से 16 मरीजों की मौत हुई थी।

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