कंझावाला एक्सीडेंट केस : निधि के घर पहुंचने के सीसीटीवी फुटेज में उसके हाव-भाव बढ़ा रहे हैं और सस्पेंस

नई दिल्ली

कंझावाला एक्सीडेंट केस में जिस युवती की दर्दनाक मौत हुई, उसकी सहेली निधि के बयानों पर सवाल उठ रहे हैं। कथित हादसे के वक्त अंजलि के साथ वह भी स्कूटी पर सवार थी। शराब के नशे में हुड़दंगियों ने कार से अंजलि की स्कूटी को ठोकर मार दी। वह कार के पहिए में फंस गई। निधि बच गई। उसका दावा है कि उसने शोर मचाया। कार में बैठे आरोपियों को भी यह बात पता चल गई कि पहिए में लड़की फंसी हुई है लेकिन वे दरिंदे 10 किलोमीटर तक अंजलि की घसीटते रहे। निधि से मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने पूछताछ की। दिनभर टीवी चैनलों पर उसके बयान चलते रहे लेकिन उसके दावों पर सवाल उठ रहे हैं। उसने दावा किया कि अंजलि नशे में धुत थी। उससे स्कूटी चल भी नहीं पा रही थी। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से उसके दावों पर सवाल उठे हैं। उस दिन उसके घर पहुंचने का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आ चुका है जिसमें उसके हाव-भाव और सस्पेंस बढ़ा रहे हैं। क्या निधि झूठ बोल रही है? क्या ये सिंपल हिट ऐंड रन का नहीं बल्कि मर्डर का केस है, जैसा अंजलि के परिवार का दावा है? ऐसे तमाम सवाल उठ रहे हैं।

CCTV में निधि के हाव-भाव बढ़ा रहे हैं और सस्पेंस
निधि जब इस जानलेवा हादसे के बाद आधी रात घर पहुंची, तो पड़ोस के मकान में एक सीसीटीवी कैमरे में वह कैद हो गई। सीसीटीवी फुटेज में निधि पिंक कलर की जैकेट पहने दिखाई दे रही है। फुटेज में निधि के हाव-भाव से इस बात का जरा भी पता नहीं लग रहा कि वह एक ऐसे हादसे से बचकर लौटी है, जिसमें उसकी सहेली की जान चली गई है। वह घर का दरवाजा खटखटाती दिख रही है। जब दरवाजा नहीं खुलता, तो वह कुछ आगे बढ़ जाती है और फिर वापस लौटकर घर का दरवाजा खुलवाती है। निधि के पड़ोस में रहने वाले राहुल और उसके भाई ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में बताया कि उस रात वे जगे हुए थे और आग ताप रहे थे। राहुल ने बताया कि उस रात उन्होंने निधि को देखा था। निधि ने काफी देर तक घर का दरवाजा खटखटाया, लेकिन दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद उसने डेड हो चुके मोबाइल को घर में चार्ज करने के लिए रखा और फिर घर का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद वह मोबाइल लेकर घर में चली गई। राहुल ने बताया कि बातचीत में उसे कहीं से भी यह अंदेशा नहीं हुआ कि वह एक जानलेवा हादसे से लौटकर आई है।

जब पहली बार निधि के घर पहुंचने का सीसीटीवी फुटेज सामने आया तो उस पर दर्ज समय को लेकर सवाल उठे। फुटेज पर रात के 1 बजकर 36 मिनट दर्ज था जबकि हादसा रात दो-ढाई बजे के करीब हुआ था। ऐसे में सवाल उठने लगे कि जब हादसे से पहले ही वह घर पहुंच गई थी तो मौके पर मौजूद होने का उसका दावा झूठा है? लेकिन सीसीटीवी का टाइम स्टैंप करीब 45 मिनट स्लो था, इसलिए ये सवाल खारिज हो गए।

हादसे के वक्त अंजलि के नशे में होने के निधि दावे पर उठे सवाल
निधि ने मंगलवार को दावा किया कि हादसे की रात दोनों एक होटल में दोस्तों के साथ पार्टी करने पहुंची थीं। वहां अंजलि ने बहुत ज्यादा शराब पी ली थी। इतना ज्यादा कि वह ठीक से स्कूटी भी नहीं चला पा रही थी लेकिन उसने जिद करके खुद ही स्कूटी ड्राइव की। दूसरी तरफ, अंजलि के फैमिली डॉक्टर ने निधि के इस दावे को खारिज किया है। डॉक्टर भूपेश ने दावा किया है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में इस बात का जिक्र नहीं है कि अंजलि ने शराब पी रखी थी। ऑटोप्सी रिपोर्ट में उसके पेट में अल्कोहल का कोई भी निशान नहीं मिला है। जॉक्टर ने कहा, ‘ऑटोप्सी रिपोर्ट के मुताबिक, पेट में सिर्फ खाना मिला। अगर उसने शराब पी होती तो रिपोर्ट में केमिकल की मौजूदगी का जिक्र होता। लेकिन रिपोर्ट में पेट के भीतर सिर्फ खाना पाए जाने की बात है।’ ऐसे में सवाल उठता है कि क्या निधि झूठ बोल रही है? और अगर झूठ बोल रही है तो इसकी क्या वजह है? कहीं कुछ छिपाने की कोशिश तो नहीं हो रही? अगर निधि के उस दावे को मान भी लिया जाए कि हादसे वाली रात अंजलि नशे में धुत थी तो क्या कोई नशे में बेसुध शख्स की बाइक या स्कूटी पर बैठना चाहेगा जो उसे चलाने की हालत में न हो? डॉक्टर भूपेश ने भी मर्डर की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि अंजलि के शरीर पर 40 जख्म के निशान मिले हैं।

हादसे के तत्काल बाद पुलिस को क्यों नहीं दी खबर?
निधि ने कथित हादसे के तत्काल बाद पुलिस को क्यों नहीं खबर दी? दिल्ली पुलिस को देर रात अलग-अलग समय पर पीसीआर कॉल के जरिए घटना के बारे में जानकारी मिली। सबसे पहले रात 2:22 बजे किसी राहगीर ने पुलिस को फोन किया कि एक बलेनो कार से किसी को घसीटा जा रहा है। पुलिस को दूसरी कॉल 3:24 बजे आई जिसमें कॉलर ने बताया कि एक बलेनो कार एक लाश को घसीटते हुए कुतुबगढ़ की ओर जा रही है। भोर में 4:11 बजे पुलिस को एक और कॉल आती है जिसमें कॉलर बताता है कि जोंटी गांव के पास सड़क पर एक लड़की की लाश पड़ी है। दरअसल, 10 किलोमीटर तक अंजलि को घसीटने के बाद आरोपियों ने कार रोककर उसके शव को पहिए से अलग किया था। सवाल उठता है कि हादसे के तत्काल बाद निधि ने पुलिस को कॉल करके इसकी जानकारी क्यों नहीं दी? हो सकता है कि उसका फोन डेड हो लेकिन घर पहुंचने के बाद भी उसने पुलिस को फोन नहीं किया। पुलिस को तो शुरुआत में ये पता भी नहीं था कि हादसे के वक्त स्कूटी पर एक और लड़की सवार थी। उसे तो तब पता चला जब खंगाले गए सैकड़ों सीसीटीवी फुटेज में अंजलि के साथ एक और लड़की दिखी। निधि का दावा है कि वह घबरा गई थी लेकिन फिर भी इस हादसे का किसी के जिक्र न करना आसानी से गले नहीं उतर सकता। उसके घर पहुंचने का सीसीटीवी फुटेज भी सवाल खड़ा कर रहा है।

‘दोस्त को सड़क पर मरता छोड़ घर जाकर सोने वाली के बयान पर कैसे करें यकीन?’
निधि ने मीडिया के सामने अंजलि के बारे में जो कुछ कहा उस पर दिल्ली महिला आयोग ने भी आपत्ति जताई है। आयोग ने अपील किया है कि मृत लड़की की चरित्र हत्या की कोशिश बंद होनी चाहिए। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल खुलकर उसके बयानों पर सवाल उठा रही हैं। उन्होंने कहा कि जब पुलिस ने अंजलि की ‘दोस्त’ को पकड़ा तो वो टीवी पर आके अंजलि के बारे में बकवास कर रही है। जो लड़की अपनी दोस्त को सड़क पर मरता देख उसकी मदद करने की जगह घर जाकर सो गई, उसपे कैसे विश्वास किया जा सकता है?

 

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