पाक सेना ने इमरान खान को PM पद से हटवाया, बाजवा ने रची थी साजिश… फवाद चौधरी का आरोप

इस्लामाबाद

पाकिस्तान में इमरान खान और सेना के बीच जारी तनाव अब चरम पर पहुंच गया है। इमरान के चहेते नेता और पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान को अप्रैल 2022 में प्रधानमंत्री पद से हटवाया था। उन्होंने यहां तक कहा कि इसकी साजिश पूर्व आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने रची थी। इससे कुछ दिन पहले ही इमरान खान ने दावा किया था कि जनरल बाजवा उनकी हत्या करवाकर पाकिस्तान में आपातकाल लगाना चाहते थे। जनरल बाजवा नवंबर में पाकिस्तानी सेना प्रमुख पद से रिटायर हो चुके हैं।

जनरल बाजवा ने इमरान को सत्ता से हटवाया
बीबीसी को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान के पूर्व सूचना मंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेता फवाद चौधरी ने कहा कि कुछ आर्मी जनरल, साथ ही पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पीटीआई सरकार को घर भेजने में सक्रिय रूप से शामिल थे। जब उनसे पूछा गया कि पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान की पार्टी को सत्ता में आने में कैसे मदद की तो उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी 22 साल के प्रयास से सत्ता में आई है। हालांकि, उन्होंने यह कहने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि उनकी पार्टी को एक साजिश के जरिए सत्ता से हटाया गया।

सेना ने निभाई थी सक्रिय भूमिका, सहयोगियों को धमकाया था
उन्होंने आरोप लगाया कि उस साजिश में, सेना के कुछ जनरल शामिल थे। इसमें कोई संदेह नहीं है और इमरान खान को हटाने में सत्ता प्रतिष्ठान (पाकिस्तानी सेना) ने वास्तव में बहुत सक्रिय भूमिका निभाई थी। वास्तव में, अंतिम सेना प्रमुख भी हमारी सरकार को घर भेजने में सक्रिय रूप से शामिल थे। पूर्व मंत्री ने यह भी दावा किया कि सत्ता प्रतिष्ठान पिछली सरकार में पीटीआई से संबद्ध दलों को भी नियंत्रित कर रहा था। उनके ही कहने पर हमारी सहयोगी पार्टियों ने बगावत की और विपक्ष का दामन थाम लिया।

फवाद बोले- हमने सेना से तटस्थ रहने को कहा था
फवाद चौधरी से जब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के डीजी नदीम अंजुम की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में भी पूछा गया, जिसमें उन्होंने तत्कालीन आईएसपीआर चीफ लेफ्टिनेंट जनरल बाबर इफ्तिखार के साथ कहा था कि इमरान खान ने अविश्वास मत के दौरान सेना को एक असंवैधानिक कार्य करने के लिए कहा था। इसके जवाब में फवाद चौधरी ने कहा कि मौजूदा सेना प्रमुख ने अभी कार्यालय ग्रहण किया है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि नीति में बदलाव होगा, लेकिन आखिरी प्रमुख (जनरल बाजवा) सच नहीं बोल रहे थे जब उन्होंने कहा कि हमने उनकी मदद मांगी थी। हमने केवल उन्हें तटस्थत रहने के लिए कहा था।

विदेशी साजिश वाला राग भी अलापा, बोले- सबूत नहीं देखे गए
उन्होंने इस धारणा को खारिज कर दिया कि पीटीआई पाकिस्तानी सेना के खिलाफ है और कहा कि उनकी पार्टी किसी के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में, न्यायपालिका और सेना जैसी गैर-निर्वाचित संस्थाओं ने अतीत में संविधान से परे अपनी शक्तियों का प्रयोग किया, जो सभी को पता है। यह पूछे जाने पर कि एक विदेशी साजिश के माध्यम से हटाए जाने के इमरान खान के दावों का समर्थन करने के लिए क्या सबूत थे। इस पर फवाद चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी ने महत्वपूर्ण बैठकों में पीटीआई सरकार को हटाने में अमेरिका की कथित भागीदारी के बारे में साक्ष्य प्रस्तुत किया, लेकिन उन्होंने उन सबूतों पर ध्यान नहीं दिया।

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