सीएम को अपने बीच पाकर भावुक हुई जोशीमठ की जनता, रात में भी वहीं कैंप करेंगे पुष्‍कर सिंह धामी

देहरादून

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी बुधवार को जोशीमठ पहुंचकर प्रभावित स्‍थानीय लोगों से मिले। भूधंसाव की त्रासदी से प्रभावित लोगों से मिलकर उन्‍होंने विश्‍वास दिलाने की कोशिश की कि उनके हितों का ख्‍याल रखा जाएगा। उनके लिए कौन सा पुनर्वास मॉडल उचित होगा यह पूरी स्थिति का आंकलन करने के बाद तय किया जाएगा। इसके साथ ही धामी ने इस पर भी जोर दिया कि ऐसा माहौल न बनाया जाए जिससे लगे कि पूरा उत्‍तराखंड ही डूब रहा है क्‍योंकि इससे प्रदेश में आने वाले टूरिस्‍ट पर गलत असर पडे़गा। धामी ने स्‍पष्‍ट किया कि टूरिस्‍ट राज्‍य की आमदनी के लिए बहुत अहम हैं। सीएम पुष्‍कर सिंह धामी को अपने बीच पाकर अब तक नाराज चल रहे बहुत से स्‍थानीय लोग भावुक हो गए।

सीएम ने यह भी साफ किया कि फिलहाल, प्रभावितों को जो डेढ़ लाख की राशि दी जा रही है वह अंतिम राहत नहीं है। यह अंतरिम राहत है जो उन्‍हें फौरी तौर पर समाधान देने के लिए दी गई है ताकि वह अपना सामान सुरक्ष‍ित जगह पर ले जाएं। लेकिन उन्‍होंने मीडिया से बात करते हुए यह भी दोहराया कि यह कहना गलत है कि जोशीमठ पूरी तरह से डूब रहा है ठीक नहीं अगर ऐसा होता तो आप लोग यहां कैसे होते। जब उनसे पूछा गया कि यहां लोग हटना नहीं चाह रहे हैं आप कैसे होटल या मकान तोड़ेंगे। इस पर उन्‍होंने कहा, इसीलिए तो मैं यहां आया हूं, लोगों से बात करने उन्‍हें समझाने।’

इससे पहले उन्‍होंने सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम से राहत और भू-धसाव से उत्पन्न स्थिति की ताजा जानकारी ली। मुख्यमंत्री हेलीपेड से सीधे भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के लिए निकले और भू-धसाव से प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहयोग का आश्‍वासन दिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को विश्वास दिलाया कि इस संकट के समय केंद्र व राज्य सरकार संजीदगी के साथ उनके साथ खड़ी है। इस स्थिति का सामना करने के लिये उनकी अपेक्षाओं का पूरा सम्मान किया जायेगा। भू-धसाव से प्रभावित लोगों से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें कंबल भी बांटे।

जोशीमठ में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जोशीमठ में चिन्हित भू-धसाव से प्रभावित क्षेत्रों के सभी भवन नहीं बल्कि अभी सिर्फ दो होटल तोड़े जाएंगे। वह भी सभी की सहमति से। इसके साथ ही राहत एवं पुनर्वास के लिए यहां पर कमेटी बना दी है सारे नाम उसमें सम्मिलित कर दिए हैं। सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को उसमें सम्मिलित करके आगे की कार्रवाई की जाएगी। राहत और पुनर्वास ठीक तरीके से हो यह हमारी प्राथमिकता है। अंतरिम राहत की हम ने घोषणा की है जल्दी-जल्दी हम चाहेंगे कि सभी तक अंतरिम राहत पहुंचे जिससे लोगों को फौरी रूप से राहत मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा इस संकट की घड़ी में मैं जोशीमठ के भाई बहनों के साथ खड़े हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस संकट के समय हमारे साथ खड़े हैं और मॉनिटरिंग कर रहे हैं तथा सहायता भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि यहां पर भू-धसाव के कारण जितना नुकसान हुआ है वह हो चुका है और आगे सब ठीक हो जाएगा आने वाले समय में यहां पर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन होना है और कुछ समय बाद चार धाम यात्रा भी शुरू होनी है, इसलिए इस प्रकार का वातावरण न बनाया जाये कि पूरा उत्तराखंड खतरे में आ गया है, क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है हमारी कोशिश रहेगी कि इकोलॉजी और इकोनॉमी दोनों का संतुलन बनाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाय।

उन्होंने कहा कि जोशीमठ के साथ-साथ उत्तराखंड के अन्य शहरों की धारण क्षमता का भी हम आंकलन करवाएंगे अगर उनमें क्षमता से ज्यादा निर्माण हो चुका हो तो उसको धीमा कराने का कार्य किया जायेगा। मारवाड़ी स्थित जेपी कॉलोनी के समीप जहां पानी का रिसाव हो रहा है उसका स्थलीय निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि आज पानी आधे से भी कम हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपदा की इस घड़ी में हम प्रभावितों के साथ खड़े हैं इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए कि सरकार उनके साथ नहीं खड़ी है पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है। प्रधानमंत्री भी स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है और लगातार अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम जोशीमठ में करेंगे और प्रभावितों की हर संभव मदद के लिये जोशीमठ में कैम्प कर रहे उच्चाधिकारियों, आयुक्त एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।

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