सऊदी अरब में बदले नागरिकता के नियम, भारतीयों पर क्या असर?

नई दिल्ली,

सऊदी अरब सरकार ने देश में नागरिकता को लेकर बड़ा बदलाव किया है. हालांकि, यह बदलाव किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि देने के लिए किया गया है. नए नियमों के अनुसार, अब उन सभी सऊदी मूल की महिलाओं के बच्चे नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जिन्होंने प्रवासियों से शादी की है.

हालांकि, बच्चों की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए और नागरिकता पाने के लिए वह सभी मानकों पर खरे उतरने चाहिए. यह खबर भारत के प्रवासियों के लिए भी जरूरी है, क्योंकि काफी संख्या में ऐसे भारतीय सऊदी अरब में रहते हैं, जिन्होंने सऊदी मूल की महिलाओं से शादी की है.

सऊदी गैजेट अखबार के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान ने सऊदी अरब नेशनलिटी सिस्टम के आर्टिकल 8 में बदलाव की मंजूरी दी है. सऊदी के इस आर्टिकल में बदलाव के बाद ”एक शख्स जो सऊदी अरब में पैदा हुआ हो और उसके पिता विदेशी नागरिक हो लेकिन मां सऊदी मूल की हो तो उस शख्स को सऊदी अरब की नागरिकता मिल सकती है.

हालांकि, नागरिकता मिलने से पहले कई शर्तों पर खरे उतरना काफी जरूरी है. जो शख्स सऊदी अरब की नागरिकता के लिए अप्लाई कर रहा है, वह अच्छी तरह से अरबी भाषा का जानकार हो. उसका कैरेक्टर अच्छा रहा हो. उसके ऊपर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चल रही हो या पहले कभी 6 महीने से अधिक जेल न काटकर आया हो.

सऊदी अरब में रहते हैं लाखों भारतीय प्रवासी
सऊदी अरब में करीब 25 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं. इनमें अधिकतर तादाद उन लोगों की हैं जो वहां पर मजदूरी या छोटी कंपनियों में काम कर रहे हैं. काफी संख्या ऐसे लोग भी हैं, जो सऊदी अरब में अपना कारोबार जमा चुके हैं. भारत के प्रवासियों ने सऊदी मूल की महिलाओं से भी शादी की है.

हालांकि, सऊदी मूल की महिला से शादी तो हो जाती थी, लेकिन उनके बच्चों को नागरिकता मिलना मुश्किल हो जाती थी. अब सरकार के इस फैसले के बाद काफी संख्या में ऐसे लोग नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं, जिनके पिता भारतीय मूल के हैं, लेकिन उनकी माताएं सऊदी मूल की हैं.

सऊदी अरब के हज को लेकर फैसले से भी मिलेगा भारतीयों को लाभ
सऊदी अरब की सरकार ने हाल ही में हज यात्रा को लेकर भी ऐसा फैसला किया है, जिसका फायदा लाखों भारतीय मुस्लिमों को मिला है. दरअसल, सऊदी अरब की ओर से साल 2023 के लिए भारत से हज यात्रियों की संख्या में बड़ा इजाफा कर दिया गया है.

सऊदी अरब के इस फैसले के बाद इस साल एक लाख 75 हजार 25 लोग हज के लिए जा सकते हैं. खास बात है कि आज तक के इतिहास में पहली बार इतनी ज्यादा संख्या में लोग हज करने पहुंचे थे. इससे पहले कभी भी भारतीयों के लिए इतना बड़ा हज कोटा आरक्षित नहीं किया गया था.

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