-देश में इनकम टेक्स से जनता को मिलेगी राहत
भोपाल।
सूर्य का मकर राशि में गोचर या संक्रांति कुंडली मेदिनी ज्योतिष गणना के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण साबित होता है तथा 17 जनवरी को शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में प्रवेश कर रहा। शनि का गोचर एक राशि में करीब ढाई साल के लिए होता है और यह कुंभ राशि में 29 मार्च 2025 तक रहेगा। आजाद भारत की कुंडली का शनि योग कारक गृह है अर्थात देश कुछ नए परिवर्तन के लिए तैयार है। भारत स्वतंत्रता चार्ट में शनि कुंभ राशि में शश महापुरुष योग का निर्माण कर रहा है और इस योग से देश का मान सम्मान बढ़ेगा,प्रत्येक कार्य में सरकार को सफलता मिलेगी देश में स्वास्थ के तनाव कम होंगे तथा देश की अर्थ व्यवस्था में बहुत सुधार होगा।
कुंभ राशि धर्म और तीर्थ स्थानों का द्योतक है अर्थात लोगों का धार्मिक यात्राओं , आथ्यात्मिक चिंतन और अच्छा शिक्षा की तरफ रूझान बड़ेगा। संक्रांति चार्ट के अनुसार द्वितीय भाव में चंद्र पर गुरू की दृष्टि आने वाले बजट में टैक्स स्टे्रक्चर पर बड़े बदलाव होंगे तथा इनकम टैक्स स्लैब्स में भी कई सालों बाद बदलाव के संकेत मिल रहे है जिससे आम आदमी को राहत मिलेगी। देश में निवेश के लिए कानून को और सरल किया जायेगा और विदेशी पूंजी कई क्षेत्रों में आती दिखेगी। जहां देश प्रगति की और अग्रसर रहेगा वही चुनौतियां भी रहेंगी। आगामी 22 अप्रैल को गुरु के पंचग्रही मेष राशि गोचर में शनि की तृतीया दृष्टि देश में विघटन कारी शक्तियों को एक बार फिर जोड़ेगा और दंगा- धरने आदि उपद्रव फिर होने की संभावना है।
आजाद भारत की कुंडली में चंद्र कर्क राशि के पुष्य नक्षत्र में हैं और कुंभ राशि का शनि चंद्र अष्टम दुर्योग में है इसलिए भारत की राजनीति यह बड़ा उथल पुथल मचा सकते हैं। शनि के सतभिषा नक्षत्र का गोचर 14 मार्च से होगा और यह समय चीन और अन्य देशो में अभी भी चल रहे कोरोना संक्रमण से बड़ी राहत की शुरुआत का समय होगा। मेडिकल साइंस में कोई बड़ी रीसर्च भी देश विदेश से आ सकती हैं जिसका बहुत दूरगामी प्रभाव जन कल्याण में होगा। साल 2023 में 9 राज्यों के चुनाव होने है, बीजेपी का प्रदर्शन हालांकि बेहतर रहेगा पर दो या तीन राज्यों में ही सत्ता में आने के संकेत दिख रहे है।
पाकिस्तान होगा दिवालिया आम आदमी होगा परेशान नहीं मिलेगी विदेशी सहायता पाकिस्तान के लिए शनि का राशि परिवर्तन बहुत ज्यादा चुनौतियों का रहने वाला है। एक तरफ आर्थिक दिवालियापन तथा दूसरी और सत्ता के खिलाफ दंगे आदि से अफरातफरी बनी रहेगी। रूस की कन्या लग्न की कुंडली में अगले दो वर्षों तक शनि विवाद, ऋण और हिंसा के स्थान छठे भाव में गोचर कर विनाश के अष्टम भाव को अपनी तीसरी दृष्टि से पीडि़त करेंगे। राहु में मंगल की अशुभ दशा में चल रहे रूस में विरोध प्रदर्शन, राजनीतिक हिंसा, महंगाई तथा सत्ता परिवर्तन के योग अगले एक वर्ष तक बेहद उग्र रूप से प्रभावी रहेंगे तथा पिछले दो दशकों से रूस की सत्ता पर काबिज व्लादिमीर पुतिन इस वर्ष बेहद कमजोर पड़ते दिखाई दे सकते हैं ।
सुभाष सक्सेना
ज्योतिषाचार्य भोपाल