रायपुर,
बाबा बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों सुर्खियों में हैं. हाल ही में उनकी मौजूदगी में एक मुस्लिम युवती सुल्ताना ने हिंदू धर्म अपनाया और सुरभि दासी बन गईं. इससे पहले मंच पर ही धीरेंद्र शास्त्री ने उनसे कई सवाल किए. सवालों के जवाब देने के साथ ही सुल्ताना ने कहा कि हिंदू धर्म से अच्छा कोई धर्म हो ही नहीं सकता. इस धर्म में भाई बहनों में शादी नहीं होती. तीन तलाक नहीं होता, सिंदूर का महत्व होता है. जानिए सुल्ताना से सुरभि बनी युवती ने हिंदू धर्म अपनाने पर क्या कहा…
मेरे घरवालों ने मुझे त्याग दिया
धीरेंद्र शास्त्री की मौजूदगी में सुरभि बनी युवती ने कहा, “हिंदू धर्म श्रेष्ठ है. मैं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से हूं. मेरे पिताजी का नाम आमिर खान है. मेरे तीन भाई हैं. मेरे घरवालों ने मुझे त्याग दिया है, क्योंकि मैं मूर्ति पूजा करती हूं. परिवार वाले कहते हैं कि तू मुस्लिम धर्म के नाम पर कलंक है, मरेगी तो जहन्नुम जाएगी. मुझे इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता.”
हिंदू धर्म सभ्यता और संस्कारों वाला है
इसके बाद धीरेंद्र युवती से सवाल करते हैं, “आप हिंदू धर्म में क्यों आना चाहती हैं?” इस पर युवती जवाब देती है, “हिंदू धर्म से अच्छा कोई धर्म हो नहीं सकता. हिंदू धर्म सभ्यता और संस्कारों वाला धर्म है. इस धर्म में भाई-बहनों में शादियां नहीं होतीं. इस धर्म में तलाक तलाक तलाक बोलकर औरतों की जिंदगी बर्बाद नहीं होती. इसमें एक बार शादी होती है और सिंदूर का महत्व होता है.”
मैं आपको भाई बनाना चाहती हूं
युवती की इन बातों के बाद धीरेंद्र शास्त्री सवाल करते हैं, “क्या तुमको किसी ने यहां बुलाया है?” इस पर वो कहती है कि अपनी मर्जी से यहां आई हूं. इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री युवती का स्वागत करते हैं. फिर युवती कहती है, मैं आपको अपना भाई बनाना चाहती हूं और राखी बांधना चाहती हूं.” इसके बाद तेज आवाज में जय श्रीराम और बागेश्वर धाम की जय बोलकर महिला अपनी बात खत्म करती है.