बागेश्वर महाराज की तरह प्रदीप मिश्रा भी करते हैं लोगों की समस्या का समाधान, जानें दोनों में क्या है अंतर

भोपाल

मध्य प्रदेश के ​मूल निवासी और देशभर में ख्याति बटोर रहे दो कथाकार संतों की चर्चा इन दिनों आम है। एक हैं सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा। दूसरे बागेश्वर धााम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री हैं। दोनों ही कथाकार हैं। दोनों की विशेष शैली और वॉक कौशल के कारण लाखों लोग उनसे जुड़ रहे हैं। कमाल की बात तो यह है कि दोनों ही विवादों में भी पड़ रहे हैं। नव भारत टाइम्स डॉट कॉम आज दोनों की समानता और भिन्नता के बारे में बता रहा है।

शिवपुराण सुनाते हैं प्रदीप मिश्रा
सीहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा के नाम से मशहूर मिश्रा मुख्य रूप से शिव भक्ति के प्रणेता हैं। वे शिवपुराण करते हैं। समाज के लोगों को वे शिव भक्ति के नए-नए तरीके बताते हैं। कई लोगों का मानना है कि वे शंकर जी की भक्ति के माध्यम से लोगों के जीवन में अमूल्य परिवर्तन लाते हैं और उन्हें सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा भी देते हैं। वे किसी तरह की भविष्यवाणी या जनता दरबार नहीं लगाते, लेकिन उनकी कथा में कई बार उनके भक्त दावा करते हैं कि पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा बताए गए उपायों ने उनका जीवन बदल लिया।

तरीके बताते हैं प्रदीप मिश्रा
एक बार कथा में उन्होंने कहा था कि अगर बच्चा साल भर भी न पढ़ें तो शिवलिंग में शहद के साथ बेलपत्र चिपका दो, बच्चा पास हो जाएगा। मंगलवार और बुधवार को लिया गया कर्ज कभी नहीं चुकता, ऋण से मुक्ति पाने के लिए मंगलवार को भगवान शिव को मसूर की दाल चढ़ाते हुए मंत्र का जाप करें। बच्चा पढ़ने में कमजोर है तो बसंत पंचमी के दिन उसके हाथ से 31 सरसों के फूल भगवान को अर्पित करवा दें। छोटा बच्चा बहुत रोता है और चिड़चिड़ा रहता है तो 5 सोमवार उसके हाथ से भगवान शिव को शहद चढ़वाएं। वो शांत हो जाएगा। गंभीर बीमारी से मुक्ति पाने के लिए शमी के फूल को नीलकंठेश्वर महादेव का नाम लेकर शिवलिंग को अर्पित करना चाहिए।

बागेश्वर सरकार पढ़ लेते हैं मन की बात
बागेश्वर धाम के प्रमुख के नाम से दुनियाभर में प्रसिद्ध पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों चर्चा में हैं। ख्याति के मामले में वे अभी पंडित प्रदीप मिश्रा से आगे निकल गए हैं। धीरेंद्र शास्त्री बालाजी हनुमान की शक्तियों के प्रणेता हैं। वे रामकथा करते हैं, हनुमान कथा करते हैं। कथा के दौरान वे दिव्य दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुनते हैं। धीरेंद्र शास्त्री पर्चे पर लिखकर समाधान भी बताते हैं। धीरेंद्र शास्त्री लोगों के भूतकाल के बारे में जरूर बताते हैं, लेकिन ​भविष्यवाणी नहीं करते। शास्त्री के दादा जी गांव गड़ा में बालाजी हनुमान मंदिर के पास दिव्य दरबार लगाते थे। उनके पास दिव्य शक्तियां थीं। इसके बाद अब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री यहीं दरबार लगाते हैं।

कितनी लेते हैं फीस
पंडित प्रदीप मिश्रा की उम्र अभी 43 वर्ष के हैं। सीहोर जिले के रहने वाले हैं। शिवपुराण की कथा करते हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 7 से 10 दिन के लिए 50 लाख रुपये अनुमानित फीस लेते हैं। वहीं, पंडित धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर महाराज के नाम से मशहूर हैं। उनकी उम्र अभी 27 वर्ष है। वो छतरपुर जिले के रहने वाले हैं। बागेश्वर महाराज सरकार हनुमान कथा और रामकथा करते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 7 से 10 दिनों के लिए 1 करोड़ रुपये फीस लेते हैं।

सोशल मीडिया में एक्टिव
दोनों सोशल मीडिया में काफी एक्टिव हैं। प्रदीप मिश्रा के वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल होते हैं। बड़ी संख्या में उनके फॉलोअर्स हैं। वहीं, बागेश्वर धाम सरकार के नाम से मशहूर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री सोशल मीडिया में काफी एक्टिव हैं। बागेश्वर महाराज की कथा का प्रसारण टीवी में होता है। बागेश्वर धाम सरकार के वीडियो यूट्यूब में भी रिलीज किए जाते हैं।

About bheldn

Check Also

MP: 30 पैसेंजर्स को ले जा रही बस बनी आग का गोला; बड़वानी में जयपुर हादसे को याद कर सहम गई लोगों की रूह

बड़वानी मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के नागलवाड़ी थाना क्षेत्र में आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग …