कोरोना में मां-बाप खोने वाले बच्चों को DU का सहारा, मुफ्त में पढ़ने का मिलेगा मौका

नई दिल्ली

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति योगेश सिंह ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले हजारों अनाथ बच्चों को उनके लिए सीट आरक्षित करने के विश्वविद्यालय की नई पहल से निशुल्क उच्च शिक्षा हासिल करने का अवसर मिलेगा। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय किसी भी आधार पर बिना किसी भेदभाव के उच्च शिक्षा चाहने वाले छात्रों को शिक्षा प्रदान करने के लिए जिम्मेदार है। विश्वविद्यालय ने हाल में अगले शैक्षणिक वर्ष से अतिरिक्त कोटा के तहत अनाथ बच्चों के लिए अपने प्रत्येक स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में सीट आरक्षित करने का फैसला किया है।

कार्यकारिणी परिषद की बैठक में फैसला
उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों को किसी भी प्रकार के शुल्क के भुगतान से भी छूट दी जाएगी। शुक्रवार को कार्यकारिणी परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया। कुलपति सिंह ने कहा, ‘पहल हर साल हजारों बच्चों की मदद करेगी। हम कोविड से बाहर आ रहे हैं। महामारी के दौरान कई बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया। इस पहल से उन छात्रों को भी मदद मिलेगी।’ विश्वविद्यालय के सभी कॉलेज एवं विभागों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर दोनों स्तरों पर सभी कक्षाओं में अनाथ छात्र एवं छात्राओं के लिए एक-एक सीट आरक्षित रहेगी।

विश्वविद्यालय कल्याण कोष से खर्च की पूर्ति
उन्होंने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय उन छात्रों सहित समाज के हर वर्ग को उच्च शिक्षा प्रदान करने के महत्व को समझता है, जो दुर्भाग्य से अपने माता-पिता को खो चुके हैं और अनाथ हो गए हैं।’ विश्वविद्यालय या इसके कॉलेज में ऐसे छात्रों के प्रवेश और अध्ययन को जारी रखने के लिए होने वाले खर्च की पूर्ति विश्वविद्यालय कल्याण कोष या कॉलेज छात्र कल्याण कोष से की जायेगी।

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