बीजेपी की विक्टोरिया गौरी बनीं मद्रास HC की जज, SC में केंद्र के फैसले के खिलाफ याचिका, सीजेआई तुरंत सुनवाई को सहमत

चेन्नई

भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की महासचिव विक्टोरिया गौरी को लेकर खड़ा हुआ विवाद सुप्रीम कोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया है। गौरी को केंद्र ने अपने एक फैसले के तहत मद्रास हाईकोर्ट का एडिशनल जज नियुक्त करने पर सहमति दी। लेकिन वकीलों को ये फैसला रास नहीं आया। गौरी को लेकर केंद्र के फैसले के खिलाफ तुरंत ही एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई। सीजेआई की बेंच से अपील की गई कि ये मामला बेहद अहम है। लेहिजा इसकी तत्काल सुनवाई की जाए। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने शुक्रवार को मामले की सुनवाई तय की है।

विक्योरिया गौरी समेत चार अन्य वकीलों को हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफारिश सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ वाले कॉलेजियम ने 17 जनवरी को की थी। कॉलेजियम के अन्य जजों में जस्टिस संजदय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ भी शामिल हैं। उसके बाद से ही गौरी के नाम को लेकर वकीलों ने मोर्चा खोल दिया। वकीलों का कहना था कि गौरी की नियुक्ति निष्पक्ष न्यायपालिका पर एक कुठाराघात है।

गौरी के दो इंटरव्यू से खड़ा हुआ बखेड़ा
विक्टोरिया गौरी को जज बनाने की कॉलेजियम की सिफारिश के बाद ही उनके दो इंटरव्यू ने बखेड़ा कर दिया। द मोर थ्रेट टू नेशनल सिक्योरिटी एंड पीस? जिहाद या क्रिश्चियन मिशनरी और कल्चरल जेनोसाइड बॉय क्रिश्चियन मिशनरी इन भारत उनके नाम की सिफारिश के बाद सामने आए। इसके अलावा RSS के पब्लिकेशन में 1 अक्टूबर 2012 को प्रकाशिक उनका लेख भी विवादों की वजह बन गया।

वकीलों के ग्रुप ने लिखी थी राष्ट्रपति को चिट्ठी
वकीलों के एक ग्रुप ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर गौरी के नाम की सिफारिश पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि ऐसे समय में जब न्यायपालिका की छवि पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। उनका कहना था कि ऐसे समय में गौरी की नियुक्ति से स्थिति और ज्यादा खराब ही होगी। वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके सीजेआई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच से अपील की कि वो इस मामले की तुरंत सुनवाई करें। उनका कहना था कि न्यायपालिका की निष्पक्षता के लिए इस मामले पर जल्द जुनवाई करनी जरूरी है। सीजेआई ने पहले अगले सोमवार को सुनवाई पर सहमति जताई। लेकिन जब रामचंद्रन ने फिर से जोर दिया तो उन्होंने आने वाले शुक्रवार को सुनवाई के लिए मंजूरी दे दी। वकीलों की आपत्ति इस बात को लेकर है कि मुस्लिम और ईसाई समुदाय के मामलों में गौरी निष्पक्ष होकर कैसे फैसला कर सकेंगी।

कानून मंत्री ने गौरी की नियुक्ति को लेकर किया था ट्वीट
विक्टोरिया गौरी के मामले ने उस समय ज्यादा तूल पकड़ा जब कानून मंत्री किरण रिजिजू ने एक ट्वीट किया। ये ट्वीट गौरी मामले में दायर याचिका से कुछ पहले ही किया गया था। रिजिजू ने लिखा कि केंद्र ने हाईकोर्ट्स के लिए 13 जजों की नियुक्ति को मंजूरी दी। इसमें विक्टोरिया गौरी का नाम भी शामिल है। नियुक्ति से पहले गौरी मदुरै बेंच में केंद्र सरकार की तरफ से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल नियुक्त की गई थीं।

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