अग्निवीर योजना डोभाल ने थोपी… अडानी की तस्वीर दिखा लोकसभा में राहुल गांधी ने सरकार को सुनाया

नई दिल्ली

कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज लोकसभा में सरकार पर जमकर बरसे। पिछले दिनों भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वह सफेद टीशर्ट में ही दिखे लेकिन आज संसद में हाफ शर्ट पहनकर आए थे। वह खड़े हुए तो ‘भारत जोड़ो’ के नारे के बीच सबसे पहले हाथ जोड़कर स्पीकर ओम बिरला को प्रणाम किया। राहुल ने पहले यात्रा के अनुभव साझा किए और फिर लोगों की समस्याएं गिनाने लगे। उन्होंने अग्निवीर योजना की भी चर्चा की और कहा कि उन्हें सेना के रिटायर्ड लोगों ने बताया कि यह योजना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने सेना पर थोपी है। इस पर लोकसभा में काफी हंगामा हुआ। इसके बाद उन्होंने गौतम अडानी की तरक्की पर मोदी सरकार को घेरा। राहुल ने अडानी और पीएम नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर भी दिखाई।

अग्निवीर पर राहुल का बड़ा हमला
राहुल ने बताया कि यात्रा के दौरान मिले लोगों ने अग्निवीर योजना की भी बात की। उन्होंने कहा कि सरकार कह रही कि अग्निवीर देश को फायदा पहुंचाएगा लेकिन हिंदुस्तान का युवा जो 4 बजे सेना में भर्ती होने के लिए दौड़ता है वह आपकी बात से सहमत नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि सीनियर ऑफिसर्स ने कहा कि हमें लगता है कि अग्निवीर योजना सेना के अंदर से नहीं आई, ये कहीं और से आई है। आरएसएस और गृह मंत्रालय से आई है। राहुल ने दोहराया कि यह मैं नहीं कह रहा, सीनियर आर्मी के लोगों ने कहा… आर्मी के ऊपर यह योजना थोपी गई है। यह सेना को कमजोर करेगी। सेना के रिटायर्ड जनरल ने कहा कि हजारों लोगों को हम हथियार की ट्रेनिंग दे रहे हैं और थोड़ी देर बाद उनको समाज में डाल रहे हैं। बेरोजगारी है, समाज में हिंसा बढ़ेगी। उनके मन में था कि ये जो अग्निवीर योजना सेना के अंदर से नहीं आई, अजीत डोभाल जी के जरिए यह योजना आर्मी तक पहुंची है।

जैसे ही राहुल ने डोभाल का नाम लिया, कुछ सांसद विरोध जताने लगे। इस पर राहुल ने कहा कि क्यों नहीं बोल सकते, वह संसद में थोड़ी हैं। राहुल ने कहा कि सेना के लोगों ने कहा कि हमें ये स्कीम नहीं चाहिए। इस दौरान पक्ष और विपक्ष के सांसदों में नोकझोंक भी हुई।

राहुल ने बताया कि पिछले चार महीनों तक वह कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा पर थे। इस यात्रा में बहुत कुछ सीखने को मिला। जो जनता की आवाज है, उसको गहराई से सुनने का मौका मिला। यात्रा की शुरुआत में मैंने सोचा था कि 3500 किमी चलना है… मुश्किल है मगर किया जा सकता है। आजकल की राजनीति में जो हमारी पुरानी परंपरा थी पैदल चलने की, उसे हम भूल गए या उसका पालन नहीं कर रहे। मैं भी उसमें शामिल हूं। जब राहुल बोल रहे थे तो भाजपा के सांसद हंसते हुए दिखाई दिए।

वयनाड से सांसद राहुल ने कहा कि जब पैदल चला जाता है तो दर्द होता है। शुरुआत में चलते समय लोगों की आवाज हम सुन रहे थे मगर हमारे दिल में ये भी था कि हम भी अपनी बात रखेंगे। कोई कहता था कि मैं बेरोजगार हूं, हम विपक्ष का रोल प्ले करते थे लेकिन थोड़ी देर चलने के बाद इसमें बदलाव आया। हमने हजारों लोगों से बात की। मैंने अपनी जिंदगी में इस तरह से कभी नहीं सुना था… क्योंकि हम सबमें थोड़ा अहंकार होता है। 500-600 किमी बाद जनता की आवाज सुनाई देनी लगी। उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई और एमएसपी-बीज, अग्निवीर की समस्याएं बताईं।

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