‘अडानी पर मैंने कुछ गलत नहीं बोला, गूगल कर लो’, बोले राहुल गांधी

नई दिल्ली,

लोकसभा में उद्योगपति गौतम अडानी को लेकर राहुल गांधी ने जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है, जमकर विवाद देखने को मिला है. उस भाषण के बाद असंसदीय टिप्पणी के लिए राहुल को लोकसभा द्वारा नोटिस भी दिया जा चुका है. अब उस नोटिस पर राहुल ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनकी तरफ से जोर देकर कहा गया है कि उन्होंने संसद में कुछ भी गलत नहीं बोला है, लोग चाहे तो गूगल भी कर सकते हैं.

अडानी को लेकर फिर बरसे राहुल गांधी
राहुल कहते हैं कि कुछ दिन पहले मैंने सदन में पीएम मोदी और अडानी के रिश्ते पर एक स्पीच दी थी. काफी शांति और तहजीब से मैंने अपनी बात रखी थी, कोई खराब भाषा का इस्तेमाल नहीं किया था. मेरी तरफ से सिर्फ कुछ तथ्य सामने रखे गए थे. मैंने बताया था कि कैसे अडानी पीएम के साथ विदेश दौरे पर जाते थे और फिर उन्हें बड़े कॉन्ट्रैक्ट मिल जाते थे. किस तरह से 30 फीसदी एयरपोर्ट ट्रैफिक अडानी द्वारा कंट्रोल किया जा रहा है. राहुल गांधी ने दावा किया है कि उनकी पूरी स्पीच को एडिट कर दिया गया था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अभी तो ऐसा लगने लगा है कि एडानी और अंबानी की बात करना ही पीएम का अपमान है.

पीएम पर राहुल का तंज
अब राहुल ने तर्क दिया है कि सदन में किसी के भाषण को सिर्फ तब हटाया जाता है अगर बिना तथ्य के कोई बात रखी जाए. लेकिन उनकी तरफ से सभी बयान फैक्ट्स को आधार बनाकर दिए गए थे. राहुल ने इस बात पर नाराजगी भी जाहिर की है कि लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें लेकर काफी कुछ बोला, लेकिन उसे असंसदीय टिप्पणी नहीं माना गया. इस बारे में उन्होंने कहा कि पीएम कहते हैं कि मेरा सरनेम गांधी क्यों है नेहरू क्यों नहीं. मतलब पीएम तो सीधे-सीधे मेरी बेइज्जती कर सकते हैं, लेकिन उनके शब्दों को नहीं हटाया जाता. इसका मतलब ये नहीं कि सच सामने नहीं आएगा. स्पीच के दौरान मेरा चेहरा देखते और पीएम मोदी का देखते. उन्होंने कितनी बार पानी पिया था, कैसे उनके हाथ कांप रहे थे. उन्हें लगता है कि वे ताकतवर हैं और लोग उनसे डर जाएंगे.

क्या है पूरा विवाद?
जानकारी के लिए बता दें कि राहुल गांधी के खिलाफ निशिकांत दुबे ने ब्रीच ऑफ प्रिविलेज यानी विशेषाधिकार हनन का नोटिस जारी किया था. वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर कहा था कि नियम 380 के तहत राहुल गांधी के कुछ असंसदीय, असम्मानीय आरोपों को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाए. उसके बाद ही नोटिस जारी किया गया और ये नया विवाद शुरू हो गया.

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