अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों को तगड़ा झटका लगा है. वहीं अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ में भारी गिरावट आई है. इस बीच अडानी ग्रुप ने एक बड़ा फैसला लिया है और इस फैसले को निवेशकों में विश्वास जगाने से जोड़कर देखा जा रहा है.
दरअसल पिछले साल अडानी पावर ने एक बड़ी डील की थी, जिससे अब कंपनी पीछे हट गई है. बता दें, अडानी पावर मध्य भारत में एक कोयला संयत्र परियोजना को खरीदने की योजना से पीछे हट गई है. करीब 7017 करोड़ रुपये में ये डील हुई थी. अडानी समूह को 15 फरवरी 2023 तक डीबी पावर के अधिग्रहण के लिए ट्रांजैक्शन पूरा करना था, जिसकी तारीख बीत चुकी है.
आपसी सहमति से डील रद्द
जानकारी के मुताबिक अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पावर और डीबी पावर (DB Power) ने आपसी सहमति से इस डील को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है. डीबी पावर छत्तीसगढ़ में 1.2 गीगावाट का कोल पावर प्रोजेक्ट संचालित करती है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की वजह से अडानी ग्रुप को आर्थिक तौर पर भारी नुकसान हुआ है. इसलिए कंपनी अभी तत्काल नए सौदे को लेकर कदम बढ़ाने से हिचक रही है. हालांकि इस डील को टूटने से अडानी समूह के विस्तार योजना को झटका जरूर लगा है. समूह के शेयरों में इस गिरावट के चलते कंपनी को अपने विस्तार योजनाओं का समीक्षा करना पड़ रहा है. क्योंकि हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद कंपनी के लिए विस्तार योजनाओं को पूरा करने के लिए जरुरी पूंजी जुटाना, बड़ी चुनौती बनती जा रही है.
CCI की मिल गई थी मंजूरी
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने 29 सितंबर 2022 को अडानी पावर द्वारा डीबी पावर के अधिग्रहण को हरी झंडी दे दी थी. सबसे पहले ये घोषणा हुई थी कि अडानी पावर 31 अक्टूबर, 2022 तक इस सौदे को पूरा कर लेगी. लेकिन बाद में कई बार समय सीमा को बढ़ाया गया. अंतिम बार इसे बढ़ाकर 15 फरवरी, 2023 किया गया था. लेकिन अब अडानी पावर ने इस सौदे को एक तरह से ठंडे बस्ते में डाल दिया है. अडानी पावर ने एक्सचेंजों को डील के एक्सपायर होने की सूचना दी है.
इस डील के खत्म होने से अडानी पावर को झटका लगा है. इस डील के पूरा होने से अडानी पावर निजी क्षेत्र में थर्मल पावर उत्पादन करने वाली सबसे बड़ी निजी कंपनी बन जाती. इसी कड़ी में 2021 में कंपनी ने 26000 करोड़ रुपये में एसबी एनर्जी इंडिया का अधिग्रहण किया था.
अडानी पावर के पास 5 राज्यों में थर्मल पावर
फिलहाल अडानी पावर के पास 5 राज्यों में सात थर्मल पावर एसेट्स हैं, जहां से 13.6 गीगावाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता है. कंपनी 40 मेगावाट सोलर से भी बिजली उत्पादन करती है. हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अडानी समूह को इससे अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को वापस लेना पड़ा था, और अब डीबी पावर के अधिग्रहण के फैसले को रद्द करना पड़ा है.
जहां तक डीबी पावर की बात है तो ये एक डिलिजेंट पावर (डीपीपीएल) की एक होल्डिंग कंपनी है. यह थर्मल पावर जनरेटिंग स्टेशन की स्थापना, संचालन और रखरखाव के बिजनेस में है. छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में डीबी पावर 600-600 मेगावाट थर्मल पावर की दो यूनिट्स का संचालन करती है.