नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे खेमे को बड़ा झटका लगा है। शिवसेना विधायकों की अयोग्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इसे बड़ी बेंच के पास भेजे जाने की जरूरत नहीं है। इस मामले में कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 21 फरवरी तय की है। उद्धव ठाकरे गुट ने शिंदे खेमे में जाने वाले 16 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी। इन विधायकों की बगावत के बाद एकनाथ शिंदे ने राज्य में नई सरकार बनाई थी। बीजेपी भी इस सरकार का हिस्सा है।
शुक्रवार को शिवसेना विधायकों के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसे बड़ी बेंच के पास भेजे जाने से इनकार किया है। पांच जजों की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। इनमें चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस एमआर शाह, कृष्ण मुरारी, हिमा कोहली और पीएस नरसिम्हा शामिल हैं। अब 21 फरवरी से उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के दावे पर मेरिट के आधार पर सुनवाई होगी। गुरुवार को संविधान पीठ ने विधायकों की अयोग्यता के मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इस सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे गुट ने नबाम रेबिया फैसले का हवाला देते हुए कुछ बिंदुओं को सात जजों की बेंच के पास भेजने की मांग की थी। वहीं शिंदे गुट की दलील थी कि इस पर पुनर्विचार की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र विधानसभा में चार जुलाई 2022 में हुए शक्ति परीक्षण के दौरान इन विधायकों ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया था। फ्लोर टेस्ट के दौरान सिर्फ 15 विधायकों ने उद्धव ठाकरे का समर्थन किया था, वहीं 40 विधायक शिंदे खेमे के साथ थे।