गुजरात: आखिरी ‘किला’ भी हारी कांग्रेस, पहली बार BJP को मिला इस संस्था का ‘फुल कंट्रोल’

गांधीनगर

गुजरात की सत्ता में काबिज होने के बाद भारतीय जनता पार्टी को एक और बड़ी जीत मिली है। पिछले साल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद गुजरात में अगर कोई मील का पत्थर था जिस पर भाजपा की निगाहें थीं, तो वह प्रतिष्ठित खेड़ा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड के शीर्ष पर होना था। इसे लोकप्रिय रूप से अमूल डेयरी कहा जाता है। 1946 में इसके स्थापित होने के बाद से यह पार्टी के कंट्रोल से बाहर था। खेड़ा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ, आणंद के चुनाव में भाजपा को जीत मिली है। आजादी के बाद पहली बार संघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद पर पार्टी ने अपना कब्जा जमाया है।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनावों के बाद से ही पार्टी प्रयास में जुटी थी। पिछले दिनों में कांग्रेस के पांच नेता भाजपा में शामिल हो गए। इनमें कांति परमार सोढा भी शामिल हैं, जिन्हें संघ का उपाध्यक्ष चुना गया है। वहीं, भाजपा नेता विपुल पटेल को संघ का अध्यक्ष चुना गया है।

पिछले 5 दिनों में कांग्रेस से जुड़े चार निदेशक भाजपा में हुए शामिल
वहीं, पूर्व विधायक राम सिंह परमार साल 2002 से डेयरी के अध्यक्ष रहे और 2017 में राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, आणंद और खेड़ा जिले कांग्रेस के गढ़ होने के कारण अमूल बोर्ड में तब भी पार्टी का पलड़ा भारी था, लेकिन पिछले पांच दिनों में संघ के चार निदेशक भाजपा में शामिल हो गए और कांग्रेस ने अपने गढ़ से पकड़ खो दी। कांग्रेस से जुड़े अमूल के चार निदेशक 11 फरवरी को गांधीनगर में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए थे। इनमें जोवनसिंह चौहान (मोदज), सीता चंदू परमार (तारापुर), शारदा हरि पटेल (कपडवंज) और घेला मानसिंह जाला (कथलाल) शामिल हैं।

कांग्रेस ने सितंबर 2020 के चुनावों में 11 में से आठ सीटें जीती थीं। 13 फरवरी को भाजपा ने आनंद सर्किट हाउस में एक बैठक की। इस दौरान विपुल पटेल को अध्यक्ष और सोधा परमार को उपाध्यक्ष चुनने के लिए जनादेश दिया गया।

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