चंडीगढ़,
हरियाणा के पलवल में विभिन्न हिंदू संगठनों और गौ रक्षक दलों की पंचायत हुई है. उस पंचायत में कई मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. पंचायत में कई बड़े फैसले लिए गए हैं, इसमें राजस्थान पुलिस के द्वारा किए गए मुकदमे की जांच सीबीआई से कराना सबसे अहम है. जोर देकर कहा गया है कि जब तक सीबीआई जांच ना हो जाए, किसी की भी गिरफ्तारी ना हो. अब गौ रक्षकों की ये पंचायत उस समय हुई है जब कुछ दिन पहले ही जुनैद और नासिर की संदिग्ध हालात में मौत हुई थी. भिवानी में एक बोलेरो गाड़ी में दोनों के कंकाल मिले थे.
उसी मामले में पीड़ितों के परिवार का आरोप है कि बजरंग दल के लोगों ने राजस्थान से ही दोनों को किडनैप किया था और फिर हरियाणा में उनकी हत्या कर दी गई. अभी इस मामले की जांच चल रही है, राजस्थान और हरियाणा दोनों राज्य की पुलिस लगी हुई हैं. इस बीच विभिन्न हिंदू संगठनों और गौ रक्षक दलों की ये पंचायत हुई है. उस पंचायत में मांग रख दी गई है कि 40 राजस्थान पुलिसकर्मी, हरियाणा पुलिस को आत्मसमर्पण करें. इसके अलावा पंचायत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा गया है.
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री सुरेंद्र जैन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को औरंगजेब की संज्ञा दे दी है. उन्हें हिंदू संगठनों से माफी मांगने के लिए कहा गया है. यहां तक कहा गया है कि जब तक उनकी हर मांग पूरी नहीं हो जाती, इस प्रकार की पंचायतें जारी रहेंगी और सरकार पर दबाव बनाया जाएगा. जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार को हुई पंचायत में हरियाणा सहित पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों से आकर गौ रक्षक दल और हिंदू संगठनों ने भाग लिया था.
नासिर-जुनैद वाले मामले की बात करें तो हरियाणा के भिवानी के लोहारू में 16 फरवरी यानी गुरुवार को जली हुई एक बोलेरो कार में दो कंकाल मिले थे. मृतकों की पहचान नासिर (25) और जुनैद (35) के तौर पर हुई थी. दोनों राजस्थान के भरतपुर के रहने वाले थे. मृतकों के परिजनों ने बुधवार को नासिर और जुनैद के अगवा होने की शिकायत दर्ज कराई थी. मृतकों के परिजनों ने अपनी शिकायत में कहा था कि बजरंग दल के कार्यतकर्ताओं ने दोनों का भरतपुर से अपहरण किया था. इस मामले में परिजन मोनू मानेसर को मुख्य आरोपी मान रहे हैं. उसके खिलाफ केस दर्ज है. लेकिन हरियाणा में जो महापंचायत हुई है, उसने मोनू मानेसर का खुलकर समर्थन किया है.
मंगलवार को महापंचायत में ऐलान किया गया कि मोनू मानेसर और उसकी टीम के लिए फंड बनाया जाएगा, ताकि कानूनी लड़ाई लड़ी जा सके. इतना ही नहीं महापंचायत में धमकी दी गई कि अगर राजस्थान पुलिस मोनू पर कार्रवाई करने के लिए आती है, तो वह अपने पांव से वापस नहीं जाएगी.