जयपुर
‘हमें गिले शिकवे भूल एकजुट होना होगा। कांग्रेस की नीतियों को आम लोगों तक पहुंचाने के लिए हमें एक साथ मिलकर काम करना होगा।’, छत्तीसगढ़ में चल रहे कांग्रेस के 85वें अधिवेशन के आखिरी दिन प्रियंका गांधी ने ये बात कही है। उन्होंने कहा कि चुनाव में एक साल बचे हैं… जितनी पार्टियां हैं, जिनकी विचारधारा बीजेपी से विपरीत है। उनसे उम्मीद है कि एकजुट होकर लड़ें, लेकिन सबसे ज्यादा उम्मीद कांग्रेस से है। एक तरह से प्रियंका ये कमेंट पार्टी में गुटबाजी खत्म करने की एक अपील है।
क्या माना जाए प्रियंका के इस बयान का असर पार्टी नेताओं पर दिखेगा, ये तो आने वाले दिनों में पता चलेगा। फिलहाल राजस्थान की सियासत में रायपुर से आई एक तस्वीर की काफी चर्चा है। ये तस्वीर है सचिन पायलट की राजस्थान के प्रभारी रह चुके अजय माकन संग बातचीत की। इसमें दोनों नेताओं के बीच जैसी केमिस्ट्री नजर आई वो सीएम अशोक गहलोत को परेशान जरूर करेगी। लेकिन इसका सूबे की सियासत में क्या असर होगा ये देखना बाकी है?
माकन-पायलट के गुफ्तगू की आई तस्वीर
दरअसल, कांग्रेस नेता अजय माकन और सचिन पायलट शनिवार को रायपुर में एक साथ दिखे। कांग्रेस के अधिवेशन में दूसरे दिन दोनों नेता लंबी बातचीत करते नजर आए। इस दौरान उनके बीच किस मुद्दे पर बात हुई ये तो वहीं जानते हैं। लेकिन उनकी इस गुफ्तगू की तस्वीर ने राजस्थान के सियासी गलियारे में हलचल जरूर पैदा कर दी। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले साल जब माकन राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी थे तो 25 सितंबर को एक घटनाक्रम हुआ था।
25 सितंबर के घटनाक्रम से माकन थे गहलोत से खफा
जयपुर में 25 सितंबर को सूबे के सीएम पद को लेकर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। हालांकि, बैठक से पहले ही गहलोत खेमे के करीब 80 से ज्यादा विधायकों ने इसका बहिष्कार कर दिया था। यही नहीं इस घटनाक्रम को लेकर अजय माकन काफी नाराज हुए थे और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के रवैये पर सवाल भी उठाए थे। ऐसा विधायकों की ओर से पार्टी लाइन की अवहेलना करने और समानांतर बैठकें आयोजित करने की वजह से हुआ था। यही नहीं दोनों नेता आमने-सामने आते दिखे थे।
बढ़ा विवाद तो माकन ने छोड़ दिया था प्रभारी पद
बाद में विवाद बढ़ा तो नाराज माकन ने राजस्थान के प्रभारी पद से भी इस्तीफा दे दिया था। यही नहीं उन्होंने गहलोत खेमे पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे। हालांकि, अब दोनों नेताओं के बीच विवाद को खत्म करने की कवायद भी हुई। शायद यही वजह थी कि शुक्रवार को जब कांग्रेस समिति के सदस्य कांग्रेस अधिवेशन के लिए बसों से रायपुर पहुंचे तो सीएम गहलोत और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रभारी माकन एक ही बस में थे।
प्रियंका की अपील से पायलट-गहलोत गुट में सब ठीक हो जाएगा?
अजय माकन और अशोक गहलोत एक बस में थे लेकिन उनके बीच क्या कुछ पॉजिटिव बात हुई ये स्पष्ट नहीं हुआ। इधर, राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत का मामला अभी तक सुलझ नहीं पाया है। इसका पता कांग्रेस अधिवेशन से पहले भी देखने को मिला था, जब सचिन पायलट ने 25 सितंबर की घटना को लेकर तीन नेताओं को नोटिस एक्शन की बात कही थी। इस मामले में गहलोत खेमे के महेश जोशी ने भी पलटवार किया था। फिलहाल प्रियंका गांधी की गुटबाजी खत्म करने को लेकर दिए गए मंत्र का क्या राजस्थान में असर नजर आएगा? फिलहाल ये देखना दिलचस्प होगा।