सिसोदिया के कौन से अहम विभाग किसे मिले? अब दो मंत्रियों के पास 14-14 मंत्रालय

नई दिल्ली,

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने रविवार को शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया है. इससे पहले आम आदमी पार्टी के सत्येन्द्र जैन भी कई महीनों से तिहाड़ जेल में बंद हैं. बीजेपी की ओर से लगातार इन मंत्रियों के इस्तीफे की मांग हो रही थी. इस बीच दिल्ली सरकार में बड़ा फेरबदल हुआ है. जिसमें आम आदमी पार्टी ने इस्तीफे के बाद बिना देरी दोनों मंत्रियों के विभागों की जिम्मेदारी विधायक राजकुमार आनंद और कैलाश गहलोत को सौंप दी. ऐसे में अब नए मंत्रियों की नियुक्ति तक दोनों नेताओं के पास सौंपे गए विभाग रहेंगे.

किसे मिली सिसोदिया के प्रमुख विभाग की जिम्मेदारी?
मनीष सिसोदिया के इस्तीफे के बाद अब उनके प्रमुख विभाग वित्त, PWD, गृह और जल की जिम्मेदारी कैलाश गहलोत को सौंपी गई हैं. दूसरी तरफ राजकुमार आनंद को शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है. गहलोत के पास पहले से परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी है.

एक जानकारी के मुताबिक नए मंत्रियों की नियुक्ति होने तक गहलोत वित्त, योजना, लोक निर्माण विभाग, बिजली, गृह, शहरी विकास, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण तथा जल विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे. तो वहीं राजकुमार आनंद शिक्षा, भूमि और भवन, सतर्कता, सेवा, पर्यटन, कला संस्कृति और भाषा, श्रम, रोजगार, स्वास्थ्य तथा उद्योग का प्रभार संभालेंगे.

नए मंत्रियों के लिए इनकी हो रही चर्चा
इसी बीच दिल्ली की हलचल भरी सियासत में अब दो नए चेहरे कौन होंगे जिन्हें मंत्री पद मिल सकता है, इसकी चर्चा जोरों पर है. हालांकि नए चेहरों को लेकर अभी बातचीत और अंतिम फैसला होने में बेहद समय है, लेकिन दिल्ली में सरकार का पुरजोर तरीके से पक्ष रखने वालों में विधायक सौरभ भारद्वाज, आतिषी, दिलीप पाण्डेय, दुर्गेश पाठक, और कुलदीप कुमार जैसे नामों को नई जिम्मेदारी मिलने की रेस में देखा जा रहा है. जानकारी के मुताबिक मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे की प्रक्रिया और दो नए मंत्रियों के नियुक्ति की प्रक्रिया में संभावित 20 से 30 दिन का समय लग सकता है.

नए चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह मिलना आसान नहीं!
सिसोदिया और जैन ने भले ही इस्तीफा दे दिया हो, लेकिन नए चेहरों की मंत्रिमंडल में एंट्री दिलाने के लिए फिलहाल समय लग सकता है. दोनों के इस्तीफे को सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार कर लिया है. जिसके बाद अब इन इस्तीफों को LG और गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए भेजा गया है. इसके बाद अब जब राष्ट्रपति की स्वीकृति की फाइल LG से CM तक वापस आएगी, तब जाकर इस्तीफा स्वीकार करने का अधिकारिक एलान होगा.

हालांकि इस्तीफा स्वीकार करने की प्रक्रिया जितनी लंबी है, उतनी ही लंबी प्रक्रिया नियुक्ति की होती. जब दिल्ली कैबिनेट में दो मंत्रियों की पोस्ट खाली हो जाएगी तब इन पोस्ट को भरने के लिए एलजी दफ्तर से एक नोटिफिकेशन निकाला जाएगा फिर दिल्ली सीएम मंत्री पदों के लिए नए नाम एलजी को भेजेंगे. इसके बाद वे नए मंत्रियों के नियुक्ति की फाइल गृह मंत्रालय के जरिए राष्ट्रपति को भेजेंगे. वहां से अनुमति मिलने के बाद नए मंत्रियों की नियुक्ति होगी.

सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से झटका!
वहीं मनीष सिसोदिया की सीबीआई गिरफ्तारी के केस में मंगलवार को आम आदमी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा. कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकते हैं. उन्हें पहले हाई कोर्ट जाना चाहिए.

दिल्ली की शराब नीति मार्च-अप्रैल 2021 में बनी थी. इसे नवंबर 2021 में लागू किया गया था. नीति का लक्ष्य 9,500 करोड़ रुपये का राजस्व पैदा करना था. पहले की नीति में शराब की दुकानें सरकारी और गैर सरकारी होती थीं. लेकिन नई नीति के तहत सिर्फ प्राइवेट दुकानें खोली गईं. इतना ही नहीं ड्राई डे भी 21 से घटाकर 3 कर दी. प्राइवेट विक्रेताओं को एक बोतल पर दूसरी फ्री जैसी स्कीमों को लागू करने की अनुमति दी गई. शहर को 32 जोन में बांटा गया. हर जोन में 27 दुकानें खोली गईं.

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