गौतम नवलखा मामले में स्पेशल NIA कोर्ट का आर्डर देखकर चकराया बांबे हाईकोर्ट, कहा- फिर से करो सुनवाई

मुंबई

भीमा कोरेगांव के आरोपी गौतम नवलखा के मामले में स्पेशल NIA कोर्ट का एक आदेश बांबे हाईकोर्ट के जजों के भी सिर के ऊपर से होकर गुजर गया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि गौतम नवलखा की बेल एप्लीकेशन तो स्पेशल कोर्ट ने रिजेक्ट कर दी। लेकिन आदेश ऐसा दिया जिसमें सब कुछ रहस्यमय है। कहीं भी ऐसा कोई कारण नहीं बताया गया जिससे हम आदेश को सही ठहरा सकें। हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट को आदेश दिया कि फिर से मामले की सुनवाई करो। चार हफ्ते के भीतर ये काम पूरा हो जाए। नवलखा इस समय मेडिकल ग्राउंड पर हाउस अरेस्ट में हैं।

हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि पहले के फैसले से प्रभावित होने की जरूरत नहीं है। मामले को फिर से सुना जाए। UAPA के सेक्शन 43D(5) पर ट्रायल कोर्ट को अपना रुख साफ करने की जरूरत है। पहले के आदेश में कोर्ट ने इस पर कोई बात नहीं की थी।

73 साल के मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा 2018 से जेल में बंद हैं। 5 सितंबर 2022 को एनआईए कोर्ट ने नवलखा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। लेकिन आदेश उलझा हुआ था। इसमें कहीं भी ऐसा कोई जिक्र नहीं था जिसमें जमानत खारिज करने का कारण स्पष्ट किया गया हो। स्पेशल जज राजेश कटारिया ने अपने आदेश में कहा कि एनआईए का मानना है कि नवलखा की अपराध में भागीदारी है। उनका कहना था कि चार्जशीट में पर्याप्त सबूत हैं।

अपनी चार्जशीट में एनआई ने आरोप लगाया है कि नवलखा सीपीआई के सक्रिय सदस्य रहे हैं। कश्मीर के अलगाववादी आंदोलनों से भी उनका संबंध रहा है। उनके पास से कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो पूरी तरह से संदिग्ध हैं। एनआईए ने 1 जनवरी 2018 को पुणे में हुए बवाल के बाद गौतम नवलखा को भीमा कोरेगांव मामले में आरोपी बनाया था। सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद उन्हें इलाज के लिए हाउस अरेस्ट में भेजा गया था। गौतम नवलखा को हाउस अरेस्ट में भेजने पर काफी बवाल भी हुआ था। आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए को फटकार लगाई। उसके बाद ही उन्हें जेल से हाउस अरेस्ट में भेजा जा सका।

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