MP में बेमौसम बारिश का दौर जारी, अब चंबल भीगा: ग्वालियर, मुरैना, शिवपुरी में ओले गिरे; धार में भी ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान

भोपाल

मध्यप्रदेश में लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी बेमौसम बारिश का दौर जारी रहा। होली पर्व के दूसरे दिन धुलेंडी पर ग्वालियर, मुरैना और शिवपुरी के कई इलाकों में दोपहर में बारिश हुई। कई इलाकों में ओले भी गिरे। धार में भी अचानक मौसम में बदलाव देखने को मिला।

चंबल में कई जगह बारिश, ओले गिरे
ग्वालियर में दोपहर करीब 2 बजे बादल छाने के साथ ही बूंदाबांदी शुरू हो गई और फिर बादलों की गड़गड़ाहट के साथ तेज बारिश शुरू हो गई। घाटीगांव क्षेत्र में ओले भी गिरे। सुबह से ही मौसम विभाग ने बारिश और ओले पड़ने की संभावना जताई थी। बारिश और ओले पड़ने से तापमान में गिरावट आई है। शिवपुरी के पिछोर में भी लगातार तीसरे दिन मौसम बदला। जिले के पिछोर ब्लॉक के करारखेड़ा, हिम्मतपुर, पहारेश्वर, कमलापुर सहित कई गांव में बारिश के साथ साथ ओलावृष्टि हुई है। जिससे फसलों को नुकसान की खबर है।

मुरैना जिले के अंबाह में दोपहर में करीब 3 बजे घने बादल छाए, फिर बादल की गरज और बिजली की गरज के साथ कई जगहों पर बारिश हुई, साथ ही हल्के ओले गिरे। कई जगहों पर फसलों को नुकसान की भी खबर है। दिमनी, रानपुर, बामोर, नूराबाद, सिकरौदा, दिखतपुरा सहित कई गांवों में ओले गिरने से सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ है। वहीं गेंहू की फसल भी प्रभावित हुई है।

धार में अचानक तेज बारिश, किसान चिंतित
धार जिले में लगातार दूसरे दिन मौसम ने करवट बदली। कई क्षेत्र में बारिश हुई। सरदारपुर के ग्राम बरमंडल में बारिश के दौरान छोटे आकार के ओले की गिरे है। जिले में दिन और रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं अमझेरा क्षेत्र में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई। ग्राम मिंडा में भी ओले गिरे। किसानों का कहना है कि इससे घर, आंगन और खेत में रखी फसल पूरी तरह खराब हो गई। वहीं पशुओं को खिलाने वाला भूसा भी गीला हो गया। ओले गिरने का क्रम करीब 15 मिनट तक चला। यहां बोर के आकार के ओले गिरे है।

आगर जिले में भी बुधवार शाम कई जगहों पर तेज बारिश हुई। सोयत क्षेत्र के धोला खेड़ी, धूलिया खेड़ी सहित कुछ ग्रामीण क्षेत्र में ओलावृष्टि भी होने की खबर मिली। बारिश-ओलावृष्टि के कारण खेतों में खड़ी फसल और खलियान में रखी कटी हुई फसल को नुकसान होने की आशंका है। शनिवार और सोमवार को भी जिले के अनेक क्षेत्रों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई थी।

15 से ज्यादा जिलों में गेहूं-चने की फसलें बर्बाद
मध्यप्रदेश में मानसून जैसी बारिश हो रही है। अंगूर के आकार के ओले गिरे। आधी की रफ्तार 40Km प्रतिघंटा की रही। तीन दिन से प्रदेश में मौसम का हाल ऐसा ही है। इस कारण प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में गेहूं-चने की फसलें बर्बाद हो गई हैं। गेहूं की फसल खेतों में ही आड़ी हो गई तो चने को 40% तक नुकसान पहुंचा है। मंदसौर में तो 35 दिन के भीतर ही तीसरी बार ओले गिरे। इस कारण अफीम के पौधों के डोडे भी टूट गए। कई जगह खड़ी फसलें बर्बाद हो गई। इससे किसान फूट-फूटकर रो रहे हैं।

इधर, CM शिवराज सिंह चौहान ने सर्वे कराने के निर्देश दे दिए हैं। वहीं, मंत्री भी खेतों में उतर रहे हैं। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो यही बादल अगले दो दिन और बारिश कराएंगे। तेज आंधी भी चलेगी। प्रदेश में मार्च महीने में तेज आंधी, बारिश और ओले क्यों गिर रहे हैं?,

सबसे पहले जानिए… एमपी में क्यों बदला मौसम?
मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि साउथ वेस्ट राजस्थान में प्रेरित चक्रवात बना हुआ है। इसके अलावा उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है। इस कारण एक्टिविटी हो रही है। वहीं, साउथ कोंकण से लेकर सेंट्रल छत्तीसगढ़ तक ट्रफ लाइन गुजर रही है। इसी की वजह से वेदर डिस्टर्ब हुआ है।​​​​​​

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