इधर कोर्ट ने सुनाया फैसला उधर बीजेपी नेता ने ट्वीट कर दी ऑर्डर की कॉपी, बांबे HC ने डिस्ट्रिक्ट जज से जांच करने को कहा

मुंबई

बीजेपी नेता किरीट सोमैया गहरी मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। एक कोर्ट के आदेश की कॉपी ट्वीट करने के मामले में बांबे हाईकोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट जज को जांच करने के लिए कहा है। हाईकोर्ट का कहना है कि जज इस बात को देखें कि फैसला सुनाने के महज दो घंटे के भीतर किरीट सोमैया को ऑर्डर की कॉपी कहां से मिल गई। जबकि फैसले की सर्टिफाइड कॉपी आरोपी को ही चार दिनों बाद मिल पाई थी। मामला राकांपा नेता हसन मशरिफ के बेटों से जुड़ा है। हाईकोर्ट मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल को करेगा।

बांबे हाईकोर्ट के जस्टिस रेवती मोहिते और शर्मिला देशमुख की बेंच ने प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज को मामले की पूरी जांच करने को कहा है। उनका कहना है कि बिजली की रफ्तार से किरीट सोमैया ने कोर्ट के फैसले की कॉपी कहां से मिली ये चिंता का विषय है। हाईकोर्ट ने प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज से इस बात की जांच करने को कहा है कि कैसे हसन मुशरिफ के मामले में दर्ज एफआईआर की कॉपी भी सोमैया को मजिस्ट्रेट से पहले मिल गई। हाईकोर्ट का कहना है कि मामले के जांच अधिकारी को तलब करके उनसे सवाल जवाब किए जाए कि ऐसा कैसे हुआ? बेंच ने मुशरिफ को 23 फरवरी को कोल्हापुर में दर्ज मामले में राहत देते हुए पुलिस को आदेश दिया कि उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए।

कोर्ट के आदेश के महज दो घंटे बाद सोमैया ने ऑर्डर कर दिया ट्वीट
बांबे हाईकोर्ट में ये याचिका राकांपा नेता हसन मुशरिफ की तरफ से दाखिल की गई थी। उनके वकीलों ने इस बात पर हैरत जताई कि कोर्ट का आदेश जारी होने के महज दो घंटे के भीतर बीजेपी नेता को बिजली की रफ्तार से फैसले की कॉपी मिल गई। मामले मुशरिफ के तीन बेटों से जुड़ा है।

कोर्ट को बताया गया कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज की शिकायत पर पुणे की कोर्ट ने 1 अप्रैल 2022 को शाम पांच और साढ़े पांच बजे के बीच फैसला सुनाया था। किरीट सौमेया ने आदेश की कॉपी शाम साढ़े सात बजे ट्वीट कर दी। आरोपियों को फैसले की कॉपी पांच अप्रैल को मिल सकी। उनका कहना था कि ये बात हैरत में डालने वाली है कि कोर्ट के आदेश का कॉपी किरीट सोमैया ने कहां से जुटाई। सोमैया ने मुशरिफ मामले में कोल्हापुर में दर्ज एफआईआर की कॉपी भी 25 फरवरी 2023 को ट्वीट कर जी थी। जबकि मजिस्ट्रेट के पास ये कॉपी 1 मार्च को पहुंची थी।

मुशरिफ पर 2012 में लोगों से पैसा उगाहने का आरोप
कोल्हापुर में जो केस दर्ज किया गया था उसमें शिकायतकर्ता विवेक कुलकर्णी नाम का शख्स है। आरोप है कि मुशरिफ ने 2012 में इश्तिहार देकर कई लोगों से 10 हजार रुपये शेयर कैपिटल के तौर पर जुटाए थे। इन लोगों को हर महीने पांच किलो चीनी के साथ दूसरे कई फायदे मिलने थे। कुलकर्णी का आरोप है कि जिन लोगों से पैसा लिया गया था उनको कोई भी शेयर सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया था।

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