चंडीगढ़
भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार ने पंजाब में गन कल्चर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 813 लोगों के शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। रद्द किए गए लाइसेंसों में लुधियाना ग्रामीण के 87, शहीद भगत सिंह नगर के 48, गुरदासपुर के 10, फरीदकोट के 84, पठानकोट के 199, होशियारपुर के 47, कपूरथला के छह, एसएएस कस्बा के 235 और संगरूर के 16 लाइसेंस रद्द किए गए हैं। अमृतसर कमिश्नरेट के 27 लोगों सहित जालंधर कमिश्नरेट और कई अन्य जिलों के 11 लोगों के शस्त्र लाइसेंस भी रद्द कर दिए गए हैं।
क्यों हो रही है कार्रवाई?
पंजाब सरकार अब तक 2,000 से ज्यादा शस्त्र लाइसेंस रद्द कर चुकी है। राज्य सरकार का कहना है कि बंदूकें रखने के लिए कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है, पंजाब में अब सार्वजनिक समारोहों, धार्मिक स्थलों, विवाह समारोहों या किसी अन्य कार्यक्रम में हथियार ले जाने और प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध है। सत्ताधारी आप सरकार ने कहा कि आने वाले दिनों में पुलिस विभिन्न इलाकों में औचक निरीक्षण करेगी और हिंसा तथा हथियारों के महिमामंडन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति और अमृतसर और फरीदकोट के साथ साथ हत्याओं की घटना और लगातार हमलों के बीच पंजाब सरकार द्वारा यह कार्रवाई की गई है। पंजाब में कुल 3,73,053 शस्त्र लाइसेंस हैं और राज्य सरकार का कहना है कि वह बंदूक कल्चर को खत्म करने के लिए लगातार कार्रवाई कर रही है।
हाल ही में पंजाब पुलिस ने अमृतसर जिला प्रशासन से अमृतपाल सिंह के नौ सहयोगियों के शस्त्र लाइसेंस रद्द करने के लिए कहा है। पंजाब पुलिस ने यह दावा किया है कि लाइसेंस आत्मरक्षा के लिए दिए गए थे न कि खालिस्तानी नेता को सुरक्षा कवर प्रदान करने के लिए। पंजाब सरकार को आंरीपाल और उनके समर्थकों द्वारा अजनाला में किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान पीछे हटना पड़ा था।पंजाब सरकार ने यह कदम कुछ बड़ी घटनाओं के बाद हुई आलोचना के बाद लिया है। पिछले साल पंजाब के मानसा जिले में मशहूर गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की सरेआम गोलियां मारकर हत्या कर दी गयी थी, जिसके बाद सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था।