अमेरिकी ड्रोन गिराने वाले एयरफोर्स पायलटों को सम्मानित करेगा रूस, आखिर पुतिन की मंशा क्या है?

मॉस्को

अमेरिकी ड्रोन से जुड़ी घटना में शामिल रूस के लड़ाकू पायलटों को राजकीय सम्मान दिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को यह घोषणा की। यह कदम भविष्य में अमेरिका के निगरानी विमानों की ओर रूस द्वारा अधिक आक्रामक रुख अपनाए जाने का संकेत देता हुआ प्रतीत होता है। अमेरिकी सेना ने मंगलवार को कहा था कि रूस के एक लड़ाकू विमान ने काला सागर के ऊपर अमेरिकी निगरानी ड्रोन के प्रणोदक को निशाना बनाया, जिसके कारण अमेरिकी बलों को मानवरहित हवाई यान को अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में नीचे लाना पड़ा।

रूस ने अमेरिकी ड्रोन गिराने से किया है इनकार
मॉस्को ने इससे इनकार किया है कि उसके युद्धक विमानों ने ड्रोन को निशाना बनाया, बल्कि उसने आरोप लगाया कि तीखा मोड़ लेते वक्त ड्रोन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। रक्षा मंत्री सर्गेइ शोइगु ने शुक्रवार को ड्रोन को उस क्षेत्र में उड़ान भरने से रोकने के लिए पायलटों की प्रशंसा की, जिसे मॉस्को ने विमानों के संचालन के लिए प्रतिबंधित कर रखा है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह प्रतिबंध अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुरूप है।

अमेरिका ने जारी किया है वीडियो
मॉस्को ने यह घोषणा तब की है, जब एक दिन पहले अमेरिकी सेना ने 42 सेकंड की एक रंगीन फुटेज जारी की, जिसमें एक रूसी एसयू-27 अमेरिका के एमक्यू-9 ड्रोन के पीछे की तरफ से आ रहा है और इसके गुजरने पर ईंधन छोड़ना शुरू कर देता है। हालांकि, रूस ने इस वीडियो पर कोई टिप्पणी नहीं की है। रूस का दावा है कि अमेरिकी ड्रोन अपनी गलतियों से समुद्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

अमेरिकी सेना ने क्या कहा था
अमेरिकी सेना ने कहा था कि उसने मंगलवार को एमक्यू-9 रीपर को समुद्र में गिरा दिया, जब रूसी लड़ाकू विमान ने मानव रहित विमान पर ईंधन डाला, जो इसके ‘ऑप्टिकल'(नजर रखने संबंधी) उपकरणों को देखने से रोकने और इसे क्षेत्र से बाहर निकालने तथा इसके प्रोपेलर को बाधित करने का स्पष्ट प्रयास था। वीडियो का जारी अंश कथित तौर पर ईंधन डाले जाने को लेकर टकराव के पहले या बाद की घटनाओं को नहीं दिखाता है।

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