छपरा
बिहार में अपनी राजनीति पकड़ मजबूत करने में जुटे चर्चित चुनावी रणनीतिकार ने सोमवार को कहा कि राजद के सत्ता में आने के बाद जंगलराज वापस आने की जो आशंका थी, वह अब जमीन पर दिख रही है। किशोर इन दिनों अपनी जान सुराज पदयात्रा के दौरान बिहार के प्रखंडों, गांव तक पहुंच रहे हैं। जन सुराज पदयात्रा के 170 वें दिन सारण के बनियापुर में पत्रकारों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार की जाएगी। किशोर ने बताया कि सारण में यात्रा के दौरान देखने को मिला कि सभी लोग बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं।
फिर लौट रहा जंगलराज- पीके
उन्होंने कहा कि पिछले साल अगस्त में महागठबंधन की सरकार बनी थी और जब अक्टूबर में पदयात्रा शुरू हुई थी, तब लोग कहते थे की राजद के सत्ता में आने के बाद कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। जो डर लोगों के मन में था वह कहीं न कहीं आज सच साबित होता दिख रहा है। राजद जब भी सरकार में होती है, लोगों का जो अनुभव रहा है उससे कानून व्यवस्था खराब होने की आशंका बनी रहती है, यह डर अब जमीन पर दिखना शुरू हो गया है।
नीतीश पर प्रशांत किशोर का हमला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जैसे पढ़े-लिखे व्यक्ति के मुख्यमंत्री रहते हुए बिहार की शिक्षा व्यवस्था का ध्वस्त हो जाना उनके कार्यकाल का सबसे बड़ा काला अध्याय है। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के बच्चों की मूलभूत समस्या शिक्षा और रोजगार है। जब तक आप शिक्षा और रोजगार के नाम पर वोट नहीं करेंगे तब तक कोई भी सरकार या कोई भी व्यवस्था आ जाए, आपकी स्थिति नहीं सुधरेगी। उन्होंने कहा कि वोट राम मंदिर के नाम पर किया है तो 30 वर्ष के बाद ही सही राम मंदिर बन ही रहा है। जिस दिन आप शिक्षा और रोजगार पर वोट करने लगेंगे तब से आपको सुधार दिखने लगेगा। उन्होंने कहा कि आप जिस नाम पर वोट करते हैं आपको वही मिलता है।