हिसाब में गड़बड़ी पर नौकरी से निकाला, बदला लेने के लिए मालिक के बेटे की हत्या, 16 साल बाद उम्रकैद की सजा

मुजफ्फरनगर

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने 16 साल पहले किशोर का अपहरण कर की गई हत्या के मामले में सुनवाई कर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 5 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। नौकरी से हटाने की रंजिश में पुराने नौकर ने उसके चार साथियों के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था। हत्याकांड मौजूदा जनपद शामली के गांव बुटराड़ा में हुआ था।

16 साल पहले किडनैपिंग और मर्डर
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि 16 वर्ष पूर्व जनपद शामली के गांव बुटराड़ा में 14 वर्षीय किशोर का अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में अय्यूब कुरैशी निवासी गांव बुटराड़ा ने थाना बाबरी में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसका बेटा 14 वर्षीय हैदर अब्बास कुरेशी 24 जुलाई 2007 को घर से बाहर जाने की बात कहकर निकला था। लेकिन काफी इंतजार के बाद वह नहीं लौटा।

उन्होंने बताया था कि गांव के यूनुस और इरफान ने जानकारी दी थी कि हैदर कुरेशी को अनुज पुत्र दिलेराम पटवारी, इकबाल पुत्र मंजूर कुरैशी, राजीव पुत्र त्रिलोक चंद और सलीम पुत्र मुल्ला हसीन निवासीगण गांव बुटराड़ा तथा रवि पुत्र सुरेंद्र सिंह जाट गांव कासमपुर थाना बाबरी अपने साथ ले जा रहे थे। बताया था कि उन दोनों ने हैदर कुरैशी को आरोपियों के बीच में चलते देखा था।

जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव कुमार शर्मा ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों के विरुद्ध अपहरण का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी थी। मुकदमा दर्ज होने के 4 दिन बाद गांव के राजवाहा से हैदर कुरेशी का शव बरामद हुआ था। इस मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की विवेचना शुरू की थी, और कोर्ट में उनके विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी थी।

नौकरी से निकालने पर रची साजिश
गांव बुटराड़ा निवासी सलीम पुत्र मुल्ला हसीन, अय्यूब कुरैशी के यहां नौकरी करता था और उसके कारोबार का हिसाब रखता था। पुलिस विवेचना में सामने आता कि सलीम ने हिसाब में गड़बड़ी कर दी थी इसलिए कुछ वर्ष पूर्व अय्यूब कुरैशी ने उसे नौकरी से निकाल दिया था। इसी का बदला लेने के लिए सलीम ने उसके साथियों अनुज इकबाल राजीव और रवि के साथ मिलकर हत्याकांड की साजिश रची थी।

तमंचे से वार, फिर घोट दिया था गला
अभियोजन के अनुसार जांच में सामने आया था कि आरोपी हैदर अब्बास को घर से बुलाकर ले गए थे, और जंगल में ले जाकर पहले उसके सिर में तमंचे की बट से वार किया था। बेहोश होने पर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी थी। इसके बाद उसका शव एक राजवह में फेंक दिया था। पुलिस ने मुठभेड़ के बाद चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था जबकि पांचवा इमरान फरार हो गया था।

एडीजे 3 गोपाल उपाध्याय ने की सुनवाई
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार शर्मा ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या 3 के जज गोपाल उपाध्याय ने की। उन्होंने बताया कि दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद न्यायाधीश ने पांचों आरोपियों को अपहरण कर हैदर की हत्या करने का दोषी ठहराया। उन्होंने बताया कि पांचों दोषियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई और उन पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया।

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