सीने पर BJP का झंडा लगा लो… देखो हवा निकल गई… जब पत्रकार के सवाल पर बोले राहुल गांधी

नई दिल्ली

संसद सदस्यता गंवाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पहली बार शनिवार को मीडिया से मुखातिब हुए। इस दौरान पत्रकारों के सवाल पर राहुल गांधी भड़क गए। एक पत्रकार के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा, ‘भैया देखिए…पहले आपका अटेंप्ट यहां से आया, दूसरा वहां से आया….डायरेक्टली बीजेपी के लिए काम क्यों कर रहे हो। थोड़ी डिस्कशन करो यार। थोड़े घूम घामकर पूछो। आपको ऑर्डर दिया है क्या। देखो मुस्कुरा रहे हैं। अगर आप बीजेपी के लिए काम करना चाहते हो तो उसका झंडा छाती पर लगा लो। फिर मैं उसी तरह जवाब दूंगा।’

‘चाहे मुझे जेल में डालें, मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता’
इससे पहले राहुल गांधी ने कहा कि आज के हिंदुस्तान में पार्टियों को मीडिया और बाकी संस्थाओं से जो सपोर्ट मिलता था, वह अब नहीं मिलता है। मोदी सरनेम पर सजा मिलने के सवाल पर राहुल ने कहा, ‘यह OBC का मामला नहीं है। यह मोदी जी और अडानी के रिश्ते का मुद्दा है। यह मेरी तपस्या है। जीवन की तपस्या है। चाहे मुझे जेल में डालें, मुझे कुछ फर्क नहीं पड़ता। मुझे अपनी तपस्या करनी है। मैं वायनाड के लोगों के लिए एक चिट्ठी लिखूंगा कि मेरे दिल में उनके लिए क्या है। मुझे इसलिए डिस्क्वालिफाई किया गया कि प्रधानमंत्री मेरी अगली स्पीच से डरते हैं। वह मेरे अगले भाषण से डर रह थे जो अडानी पर होने वाला था। मैंने यह उनकी आंखों में देखा है। तो वह मेरे अगले भाषण से घबराए हुए थे। वह नहीं चाहते थे कि संसद में मेरा अगला भाषण हो।’

‘मैंने हमेशा भाईचारे की बात की है’
राहुल गांधी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र पर हमले किए जा रहे हैं, इसके उदाहरण समय-समय पर सामने आते रहते हैं। मंत्रियों ने मेरे बारे में झूठ बोला कि मैंने विदेशी हस्तक्षेप के लिए कहा था, मैंने ऐसा नहीं कहा। मैं अडाणी मुद्दे पर सवाल पूछता रहूंगा, वे अयोग्य ठहराकर या मुझे जेल में रखकर मुझे डरा नहीं सकते। मैं झुकूंगा नहीं। अयोग्य ठहराने, मंत्रियों द्वारा आरोप लगाने का पूरा खेल अडाणी मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए खेला गया। मैं यहां भारत के लोगों की लोकतांत्रिक आवाज की रक्षा करने के लिए हूं। ऐसा करता रहूंगा, मैं किसी से नहीं डरता। मैंने हमेशा भाईचारे की बात की है, यह ओबीसी के बारे में नहीं है : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ओबीसी समुदाय का अपमान करने के भाजपा के आरोप पर कहा।

उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) अडाणी समूह से जुड़े सवालों से ध्यान भटकाने के लिए उन पर ओबीसी समुदाय के अपमान का आरोप लगा रही है। राहुल गांधी ने कहा, ‘असली सवाल यह है कि अडाणी समूह में 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, वो पैसा किसका है?’

‘मेरी बातों को सदन की कार्यवाही से हटाया गया’
उन्होंने दावा किया कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराया गया क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे डरे हुए थे कि वह फिर से सदन में अडाणी मामले पर बोलेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘अडाणी जी की शेल कंपनी हैं, उनमें 20 हजार करोड़ रुपया किसी ने निवेश किया है, ये पैसे किसके हैं? यह सवाल मैंने पूछा। मोदी जी और अडाणी जी के रिश्ते के बारे में पूछा। मेरी बातों को सदन की कार्यवाही से हटाया गया।’

राहुल गांधी ने कहा, ‘मेरे बारे में मंत्रियों ने झूठ बोला, जबकि मैंने कोई ऐसी बात नहीं की थी जिसका दावा किया गया था। मैंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि मुझे जवाब देने का मौका मिले, लेकिन मौका नहीं मिला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ‘हिंदुस्तान के लोकतंत्र के लिये लड़ रहा हूं, आगे भी लडता रहूंगा। मैं नहीं डरता।’ केरल की वायनाड संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर शुक्रवार को लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया। लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनका अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि उन्हें (राहुल गांधी) संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है। उल्लेखनीय है कि सूरत की एक अदालत ने ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ 2019 में दर्ज आपराधिक मानहानि के एक मामले में उन्हें बृहस्पतिवार को दोषी ठहराया तथा दो साल कारावास की सजा सुनाई।

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