नामीबिया से कूनो आई मादा चीता साशा की मौत, किडनी की बीमारी से थी पीड़ित

श्योपुर

नामीबिया से आठ चीते लाए गए थे। इसमें मादा चीता साशा की मौत हो गई है। साशा काफी समय से बीमार चल रही थी। चीता साशा किडनी की बीमारी से जूझ रही थी। इसके बाद क्वारंटीन कर इलाज भी शुरू किया गया था। शुरुआत में साशा के स्वास्थ्य में सुधार नजर आया था। वन विभाग की तरफ से साशा की मौत की पुष्टि की गई है। हालांकि वन विभाग के अधिकारी इस पर बहुत कुछ बोलने से बच रहे हैं।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर नामीबिया से आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था। इसके बाद सभी को क्वारंटीन कर रखा गया था। क्वारंटीन में रहने के बाद धीरे-धीरे कर चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा गया था। इसी दौरान साशा की तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आई थी। उस समय डॉक्टरों ने बताया था कि किडनी में कुछ समस्या है। बाद में यह खबर आई थी कि साशा की तबीयत में सुधार हो रहा है।

बताया जा रहा है कि चीते की मौत सुबह में हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार साशा नामीबिया से ही बीमारी की चपेट में थी। यहां आने के बाद उसकी तबीयत कुछ दिन बाद बिगड़ी थी। गौरतलब है कि नामीबिया के बाद दक्षिण अफ्रीका से भी 16 चीते लाए गए थे। अभी कूनो नेशनल पार्क में कुल 24 चीते थे। इनमें से एक की मौत हो गई है। यह चीता प्रोजेक्ट के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वन विभाग के बड़े अधिकारियों ने इस पर चुप्पी साध रखी है।

अधिकारियों ने बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे मादा चीता की मौत हुई है। वह काफी दिन बीमार चल रही थी। भोपाल से डॉक्टरों की टीम इलाज के लिए पहुंची थी। भोपाल से प्रमुख पशु चिकित्सक डॉ अतुल गुप्ता के नेतृत्व में पशु चिकित्सकों की टीम को भोपाल से कूनो भेजा गया गया था।

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