‘राहुल को Z+ सुरक्षा, फिर क्यों खाली करा रहे हैं बंगला’, कांग्रेस ने खड़े किए सवाल

नई दिल्ली,

राहुल गांधी की सांसदी जाने के बाद अब उनके बंगले पर तलवार लटकी हुई है. उन्हें 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया गया है. यह नोटिस लोकसभा सचिवालय से अयोग्य घोषित होने के बाद लोकसभा आवास समिति ने राहुल गांधी को दिया है. इस नोटिस पर कांग्रेस सवाल खड़े कर रही है. पार्टी के नेताओं का कहना है कि जब उन्हें Z+ सुरक्षा मिली हुई है तो अचानक बंगला क्यों खाली कराया जा रहा है.

कांग्रेस के सीनियर नेता प्रमोद तिवारी ने बंगला खाली कराए जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अब तक राहुल को नोटिस नहीं मिला है, लेकिन इसे बीजेपी ने मीडिया में उसे लीक कर दिया है. उन्होंने कहा कि राहुल को Z प्लस सुरक्षा मिली होने के कारण उन पर यह नियम लागू नहीं होता है कि कभी भी नोटिस देकर घर खाली करा लिया जाए.

बता दें कि गृह मंत्रालय किसी भी वीआईपी को सुरक्षा तब देता है, जब इंटेलिजेंस ब्यूरो उस वीआईपी की थ्रेट परसेप्शन की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को देता है. एसपीजी की सुरक्षा के बाद जेड प्लस सुरक्षा सबसे उच्च कोटि की मानी जाती है. इसमें वीआईपी की सुरक्षा में करीब 58 कमांडो तैनात रहते हैं. इसलिए कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने सवाल खड़ा किया है कि राहुल गांधी जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है आवास इतनी जल्दी क्यों खाली कराया जा रहा है.

उधर बीजेपी नेता और केंद्र सरकार में मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के घर खाली कराए जाने के नोटिस पर पूछे गए सवाल को लेकर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि घर देश की जनता का है. ये घर कोई उनका नहीं है. उधर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि किसको घर देना है, किसको नहीं देना है. ये पार्लियामेंट की हाउसिंग कमेटी और सरकार को तय करना होता है.

बता दें कि BJP और दूसरी पार्टी के कई नेता जो सांसद नहीं हैं, उनको भी घर मिला हुआ है. सूत्रों के मुताबिक इन सांसदों को सुरक्षा भी मिली है. जिनमें से कई नेताओं को Z प्लस सुरक्षा मिली है.इनमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल हैं. इसके अलावा मुरली मनोहर जोशी, गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को भी घर मिला हुआ है. ऐसे करीब दर्जन भर नेता हैं, जिनको सांसद न रहते हुए भी घर मिला हुआ है. कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने भी इस पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस के सांसद हैं. लेकिन पिछले 6 महीने से उन्हें घर नहीं दिया गया है. उन्होंने कई बार पीएम को चिठ्टी लिखकर अपनी बात कही है, लेकिन अब तक घर से वंचित हैं. ऐसे कई सांसद है, जिन्हें सांसद न होने के बाद भी बंगला मिला हुआ है.

40 VIP’s को Z प्लस सुरक्षा
2021 में लोकसभा में यह सवाल पूछा गया था कि देश में इस समय कितने लोगों को जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है? गृह मंत्रालय ने लोकसभा में इस सवाल का जवाब दिया था. गृह मंत्रालय ने बताया था कि 40 लोगों को जेड प्लस सुरक्षा दी जा रही है. गृह मंत्रालय ने लोकसभा में यह भी बताया था कि ये सुरक्षा केंद्रीय एजेंसियों की ओर से खतरे के आंकलन के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की रिपोर्ट के आधार पर दी जाती है.

गृह मंत्रालय की ओर लोकसभा में 2021 दी गई जानकारी के मुताबिक इस सुरक्षा में मंत्रालय के आदेश पर नेशनल सेक्यूरिटी गार्ड (एनएसजी), केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान अलग-अलग वीआईपी को सुरक्षा की ‘येलो बुकट’ के आधार पर कड़ी सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं.

Z प्लस कैटेगरी की सुरक्षा
सुरक्षा की यलो बुक के मुताबिक जिस वीवीआईपी को जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी जाती है. उनके चारों तरफ कड़ा सुरक्षा का पहरा होता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 58, कमांडो Z+ कैटेगरी की सुरक्षा में तैनात होते हैं. सुरक्षा मामलों की येलो बुक की मानें तो Z प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में 10 आर्म्ड स्टैटिक गॉर्ड 6 PSO, एक समय में राउंड द क्लॉक, 24 जवान 2 एस्कॉर्ट में राउंड द क्लॉक, 5 वॉचर्स दो शिफ्ट में रहते हैं. एक इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर इंचार्ज के तौर पर तैनात रहता है. वीआईपी के घर में आने जाने वाले लोगों के लिए 6 फ्रीस्किंग और स्क्रीनिंग करने वाले तैनात रहते हैं. इसके साथ ही राउंड द क्लॉक ट्रेंड 6 ड्राइवर होते हैं.गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक सुरक्षा के ‘यलो बुक’ के आधार पर Z प्लस कैटेगरी की सिक्योरिटी के अलावा कई अन्य तरीके की भी सुरक्षा वीआईपी को दी जाती हैं, जिसमें Z कैटेगरी, Y प्लस कैटेगरी, Y कैटेगरी और X कैटेगरी शामिल है.

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