भोपाल
मध्यप्रदेश में इसी साल होने वाले विधानसभा के चुनाव से पहले बीजेपी अपनी हर कमजोरी को मजबूती में बदल लेना चाहती है। यही कारण है कि जो लोग पार्टी छोड़ कर गए हैं या जिन्हें पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखाया था, सभी की घर वापसी की कोशिशें तेजी से चल रही हैं। राज्य में विधानसभा का चुनाव भारी कशमकश वाला रहेगा और सत्ता का रास्ता किसी भी दल के लिए आसान नहीं है, इस बात से बीजेपी भी वाकिफ है। यही कारण है कि पार्टी एक भी ऐसी चूक नहीं करना चाहती, जिससे उसे चुनाव में नुकसान उठाना पड़ेगा।
यही कारण है कि पार्टी अपने पुराने साथियों को फिर जोड़ने की कोशिश में जी-जान से जुटी हुई है। पार्टी के प्रदेश कार्यालय में गुरुवार को दमोह जिले से नाता रखने वाले पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया और उनके साथियों को एक बार फिर पार्टी में शामिल कर लिया गया। सिद्धार्थ मलैया ने इसे घर वापसी बताया है। दरअसल, वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में दमोह विधानसभा क्षेत्र में जयंत मलैया को हार का सामना करना पड़ा था, मगर वर्ष 2021 में यहां हुए उपचुनाव में जयंत मलैया को टिकट नहीं मिला तो उनके बेटे बागी हो गए और जयंत मलैया ने पार्टी का प्रचार नहीं किया।
परिणाम स्वरूप बीजेपी को यहां हार का सामना करना पड़ा। मलैया परिवार की सबसे ज्यादा नाराजगी केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल से है जो यहां से सांसद हैं। एक तरफ जहां सिद्धार्थ मलैया अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए हैं तो इससे पहले पिछड़ा वर्ग के नेता प्रीतम लोधी को भी घर वापसी हुई थी। प्रीतम लोधी को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया गया था।
बीजेपी में नेताओं की घर वापसी के मौके पर भी पार्टी की ओर से विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, ऐसा इसलिए ताकि उनके सम्मान को आघात न लगे। प्रीतम लोधी और फिर सिद्धार्थ मलैया को तमाम बड़े नेताओं की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। बीजेपी के तमाम नेता राज्य के अलग-अलग हिस्सों का दौरा कर रहे हैं और उन नेताओं से संपर्क व संवाद भी कर रहे है जो पार्टी से दूर हुए हैं। नेताओं के इन प्रयासों को सफलता भी मिल रही है।