कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम हैरान करेगा, इस बात की दिख रही आशंका

कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों के नेता पूरा दमखम लगाए हुए हैं इसकी वजह यह है कि, कर्नाटक को भारतीय राजनीति में ‘दक्षिण का द्वार’ कहा जाता है। इस राज्य में जीत दर्ज़ कर जहां वर्तमान में सत्ताधारी बीजेपी दक्षिण भारत के तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के आगे आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कमर कसकर तैयार होना चाहती है, तो वहीं कांग्रेस यहां सत्ता में वापसी कर बीजेपी को दक्षिण की राजनीति में पीछे धकेलने की पुरजोर कोशिश कर रही है।

राज्य में मुख्य मुकाबला बीजेपी, कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के बीच में हैं। 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे अधिक 104 सीटें जीती थी किंतु येदियुरप्पा बहुमत साबित नहीं कर पाए और फिर जेडीएस के नेता कुमारस्वामी कांग्रेस पार्टी के साथ मिल कर सरकार बना ले गए। किंतु मई 2019 के लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद जेडीएस और कांग्रेस के गठबंधन में सेंध लगाकर बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा एक बार फिर सरकार बनाने में सफल हुए। बीजेपी ने जुलाई 2021 में येदियुरप्पा को हटाकर बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बना दिया। आइए अब जानते हैं अबकी बार कर्नाटक चुनाव में क्या कुछ होने वाला है। कर्नाटक के प्रमुख नेताओं की कुंडली पर एक नजर डालते हैं और जानते हैं ऐस्ट्रॉलजर सचिन मल्होत्रा से किसके सिर सजेगा कर्नाटक का ताज।

कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस का हाल रहेगा ऐसा
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिव कुमार का जन्म 15 मई 1961 को कनकपुरा में सुबह 5 बजकर 15 मिनट पर हुआ था।मेष लग्न की इनकी कुंडली में दशम भाव में बैठे गुरु और शनि पर चौथे घर से पड़ रही नीच के मंगल की दृष्टि इनको एक लोकप्रिय नेता के साथ अकूत धन सम्पति का स्वामी भी बना रहा है। वर्ष 2018 के इनके चुनाव शपथ पत्र के अनुसार यह 840 करोड़ की घोषित सम्पति के स्वामी हैं। मेष लग्न के डी के शिवकुमार की कुंडली में धन स्थान यानी दूसरे भाव में सूर्य, चंद्रमा और बुध का योग है जिस पर दशम भाव से नवमेश गुरु की पांचवी दृष्टि भी इनके लिए बेहद शुभ है। लेकिन एक दिक्कत यह है कि इनकी कुंडली में शुक्र बारहवें भाव में शनि से दृष्ट हैं जिसके कारण टैक्स और धन -शोधन मामलों के चलते शनि में शुक्र की विंशोत्तरी दशा में 2019 में इन्हें जेल भी जाना पड़ा। वर्तमान में डी के शिवकुमार की कुंडली में शनि में शुक्र और राहु की विंशोत्तरी दशा चल रही है। राहु इनकी कुंडली में मंत्री पद स्थान यानी पंचम भाव में स्थित है जिससे दशम में सूर्य, बुध और चंद्रमा का योग इनके लिए शुभ फलदायी है। इनके इस शुभ योग के कारण चुनाव के बाद हैरतंगेज परिणाम आ सकता है। आने वाला समय इनके लिए शुभ रहेगा।

कुमारस्वामी केतु की कठिन दशा में उलझे हैं
कर्नाटक विधानसभा में तीसरे नंबर की पार्टी जेडीएस के नेता कुमारस्वामी का जन्म 16 दिसंबर 1959 को शाम के समय मिथुन लग्न में हुआ था। कुमारस्वामी के पिता देवेगौड़ा जून 1996 और अप्रैल 1997 के बीच भारत के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। कुमारस्वामी को दो बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर सुशोभित होने का सौभाग्य मिला लेकिन भाग्य का खेल ही कहिए कि, कुंडली में चंद्रमा से केंद्र में पाप ग्रहों की अशुभ स्थिति के चलते वह कभी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। वर्तमान में दशम भाव में बैठे केतु की महादशा में संघर्ष स्थान यानी छठे भाव में स्थित गुरु की अंतर्दशा में उनको संतोषजनक सफलता मिलने का ही योग दिख रहा है। ऐसे में स्थिति इनके पक्ष में जाते नहीं दिख रही है।

येदियुरप्पा की स्थिति रहेगी डांवाडोल
27 फरवरी 1943 को सुबह तीन बजे कर्नाटक के मांड्या जिले में पैदा हुए बीएस येदियुरप्पा का जन्म लग्न धनु है तथा चंद्रमा वृश्चिक राशि में है। 80 वर्ष की आयु के येदियुरप्पा 2008 में पहली बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन 2011 में इनको भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते इस्तीफ़ा देना पड़ा था। मंगल की महादशा में चल रहे येदियुरप्पा वर्तमान में कर्नाटक में बीजेपी के सबसे लोकप्रिय नेता हैं जिनकी लिंगायत समुदाय पर अच्छी पकड़ है। कुंभ राशि में गोचर कर रहे शनि वर्तमान में येदियुरप्पा के वृश्चिक राशि के चंद्रमा से चौथे भाव में गोचर कर ‘कंटक-शनि’ की अशुभ स्थिति निर्मित कर रहे हैं। जैमिनी पद्धति में इनकी मकर की चर दशा चल रही है जिससे अमात्यकारक गुरु संघर्ष स्थान यानी छठे भाव में हो कर येदियुरप्पा के लिए बाधक बन रहे हैं।

बसवराज बोम्मई फंसे हैं शनि-राहु की अशुभ दशा में
28 जनवरी 1960 को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर हुबली, कर्नाटक में जन्मे बसवराज बोम्मई का जन्म लग्न मेष है तथा चंद्रमा मकर राशि में सूर्य और बुध के साथ नज़दीकी अंशों में पीड़ित हो रहे हैं। कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री के पिता एस आर बोम्मई अस्सी के दशक के अंत में कुछ समय तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे। बसवराज बोम्मई की कुंडली में भाग्य के स्थान नवम भाव में शनि, मंगल, गुरु और शुक्र का योग उनके पिता का प्रभावशाली होना दिखलाता है। दशम (राज्य) और एकादश (लाभ) भाव के स्वामी शनि की दशा में चल रहे बसवराज बोम्मई वर्ष 2008 से 2013 तक भाजपा की प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। शनि इनकी कुंडली में लग्नेश मंगल के साथ राजयोग बना रहा है तथा नवांश कुंडली में भी वह मंगल से युत है। 28 जुलाई 2021 को शनि की महादशा में राहु की अंतर्दशा में चल रहे बसवराज बोम्मई को भाजपा ने प्रदेश की बागडोर सौंपी। बसवराज बोम्मई की कुंडली में राहु विवादों के स्थान छठे भाव में स्थित होकर शनि और गुलिक से दृष्ट है। ऐसी ग्रह स्थिति में बसवराज बोम्मई अपनी पार्टी में भीतर-घात के कारण नुकसान उठा सकते हैं। जैमिनी चर दशा में मीन राशि की दशा चल रही है जो इनकी जन्म कुंडली में हानि स्थान है। तथा नवांश में अष्टम भाव की राशि होकर चुनावों में बड़ा उलट फेर होने का संकेत दे रहा है।

भविष्यवाणी ज्योतिषी सचिन मल्होत्रा की अपनी गणना और अनुभव पर आधारित है। 

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